Saturday, 22 May 2021

1654 नटखट

 नटखट होना कोई दोष नहीं ।

नटखट होते हैं बच्चे सभी ।

जो नटखट न हों तो।

बच्चे क्यों कहलाएं जी।

बस हरकत ऐसी हो ,

माफ जिसे कर पाए सभी ।

तुम्हारी नटखट मस्ती से ,

दिल न दुखे कभी कोई ।

जो भी देखे खुश हो जाए ,

नटखटता करें जब भी ।

नटखट थे बहुत कान्हां अपने, 

पर चाहते थे  उनको सभी।

चाहे तंग करते, मात यशोदा को,

पर मना लेते थे उनको तभी।

जब कान्हा करते थे नटखटता,

 खुश हो जाती थी गोपियांँ सभी।

नटखटता तुम भी दिखाओ,

पर किसी का दिल न दुखाओ ।

नटखट तुमको कहें सब ,

पर कहने पर तुम मुस्कुराओ।

5.00pm 22 May 2021

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