यूँ तो ख्याल रखते हैं कि ना हो हमारा आमना सामना।नजर मिल जाए जो उनसे ,झुका कर नजर हम सलाम कर लेंगे।
खैरियत जान कर भी क्या कर लेंगे , जो नजरें मिलाते नहीं।अगर हाल बुरा भी होगा तब भी बताओ हम क्या कर लेंगे।
दुश्मनों की नजर लगी हमें ऐसी जो बढ़ गई दूरियाँ।
कभी सोचते हैं , नजर मिलाओगे तो तुम्हें पास कर लेंगे।
यूँ तो चाहत है मेरी, एक हो जाएं हम दोनों सदा के लिए।
ना भी मिले तो, तु खुश रहे,यही खुदा से हम दुआ कर लेंगे।
लिखा है जो भी जिसकी किस्मत में, होगा तो वही जिंदगी में।
यही सोच कर जिंदगी अपनी ,जिस हाल में हो बसर कर लेंगे।
11.20am 1 Sept 2020
You are simply too good. Each poem of yours creates a curiosity what's next. Good work 👍👍👍👍🙏
ReplyDeleteThanks for your appreciation
DeleteVery nice
ReplyDeleteThanks ji
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