Saturday, 24 October 2020

1444 जय महागौरी अष्टमी

 उज्वल वस्त्र धारण किए हुए, महादेव को ,

शुद्धता की मूर्ति देवी महागौरी मंगल दायिनी का रूप, मन भाता।

महागौरी आठवीं शक्ति स्वरूपास के तेज से,

 संपूर्ण विश्व प्रकाशमान हो जाता।


शुंभ निशुंभ से परास्त देवता भी, 

जिनकी पूजा करते वह देवी महागौरी हैं।

महादेव शिव जी की पत्नी,यही शिवा,

 और शांभवी के नाम से भी पूजित होती हैं।


 मां देवी की चार भुजाएं दो पूजा अभय मुद्रा में 

एक में त्रिशूल,एक में डम डम डमरु रहता है।

जो स्त्री भी करे देवी के स्वरूप की पूजा ,

उसको माता सदा सुहागन कावर देती हैं।


कुंवारी लड़की करे पूजा तो मनभावन पति ,

और माँ भक्तों को अक्षय आनंद और तेज प्रदान कर देती हैं। 

महागौरी रूप में देवी करुणामयी, स्नेहमयी और,

शांत और मृदुल दिखती हैं,देवता भी इस रूप की पूजा करते हैं।


देवगणकहहें: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके 

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।


और कहो: या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रूपेण संस्थिता।

 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

6.40pm 24 Oct 2020

2 comments:

  1. बहुत सुंदर महिमा का वर्णन आपने किया।
    धन्य हो।

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    1. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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