सागर की लहरें जैसे लेती हिचकोले।
ऐसे ही जिंदगी इधर-उधर है डोले।
बाहर फेंके लहरें जैसे सीप और मोती ।
ऐसे ही जिंदगी ,कई भेद है खोलें।
जिंदगी के इस हसीन सफर में ,
जिंदगी कितने रस है घोले।
पंछी गाते गीत मधुर है
और कितनी मधुर बाणी है बोले।
कर ले इसका तू सद्उपयोग,
ताकि जीवन रस, मिश्री घोले।
9.03pm 19 Feb 2021
Super lines
ReplyDeleteSuper
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