Thursday, 6 May 2021

1638 एक थी चिड़िया

 एक थी चिड़िया, रोज ही आती ।

तिनका तिनका घोंसला बनाती ।।

कर रही थी वह एक घोंसला तैयार ।

आने वाला था उसके घर नया मेहमान।।

मैं भी उसको रोज थी देखती ।

सुंदर लगती जब चीं चीं करती ।।

कुछ दिन से जब आवाज न आई।

बाहर उसको मैं देखने आई ।।

बाहर वृक्ष पर घोंसला न था।

देखकर डर गया मेरा  मन था।।

कहाँ गया वो आधा बना घोंसला ।

कहीं उसका नामोंनिशान न था।।

इधर-उधर में देखने लगी ।

पर पाया न उसका,एक भी तिनका ।।

पूछा सफाई वाले से हार कर ।

कहीं घोंसला देखा है.. गिरा उधर।।

झट से बोला ,गिर गया था वहीं पर।

मगर साफ कर दिया.. उठाकर ।।

मन मेरा घबराने लगा सोचकर ।

क्या बीती होगी प्यारी चिड़िया पर।।

किसने मेरा घर बर्बाद कर दिया।

अगर खुद से गिरा तो कहाँ गया।।

तिनका तो वहीं पड़ा होता ।

कोई तो निशान बचा होता।।

फिर बना लेती इक इक जोड़कर ।

क्या मिला इंसान को मेरा घर तोड़कर।।

क्यों नहीं सोचता इंसान ऐसे,

अगर, कोई तुम्हारा घर बर्बाद कर दे ऐसे।।

 तुम बाहर से काम कर के आओ ।

लौटकर, घर का निशान भी न पाओ।

 कुछ तो सोचो वह भी जीवित प्राणी हैं।

यह दुनिया तो आनी जानी है ।।

अच्छा नहीं आह लेना किसी की।

मिलती है सब को सजा ,करनी की।।

बहुत याद आती है मुझको उसकी।

जान नहीं पा रही हूँ मैं,उसके मन की।

1.02pm 5 May 2021

6 comments:

  1. बहुत ही मार्मिक

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  2. 5-6 दिन। पहले ठीक ऐसा ही विचार मेरे मन मे आया था, आज आपने उसे सुंदरता के साथ कविता में प्रस्तुत कर दिया।धन्य हो।
    आप एक सुंदर भजन लिखिये बहुत सुंदर -- हनुमानजी महाराज पर।

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    1. जी एक सच्ची घटना है।
      हनुमान जी पर मैंने भजन लिखा है आप इसे पढ़ सकते हैं।धन्यवाद

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    2. https://sangeetasharmakundra.blogspot.com/2020/05/1290-jaago-hey-veervar-hanumaan-awake.html?m=1
      हनुमान जी का भजन

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  3. 5-6 दिन। पहले ठीक ऐसा ही विचार मेरे मन मे आया था, आज आपने उसे सुंदरता के साथ कविता में प्रस्तुत कर दिया।धन्य हो।
    आप एक सुंदर भजन लिखिये बहुत सुंदर -- हनुमानजी महाराज पर।

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