Saturday, 17 July 2021

1710 निकल पड़े हैं अब कारवां बनते जाएंगे

 तुम दूर होना ही चाहते थे अगर नजरों से,

तो बता देते हमको, हम खुद ही दूर हो जाते ।


जो न था पसंद साथ  तुम्हें मेरा,

तो क्यों हमें इस मोड़ पर लाकर छोड़ा ।

न चलते सफर पर साथ हमारे,

बता देते ,तो सफ़र पर अकेले ही निकल जाते।


 मुश्किल नहीं पाना मंजिल को कोई ,

पर हो साथी अगर साथ तो हो जाते हैं ,

सफर के मुश्किल रास्ते भी आसान।

न गवारा था तुम्हें साथ तो बता देते ।


हमको पानी ही है मंजिल हम रुकने वाले नहीं।

तू नहीं साथ तो कोई हमें गम नहीं ।

हमने पकड़ी है राह हम चलते जाएंगे ।

निकल पड़े हैं अब कारवां खुद बनते जाएंगे ।

4.46 pm 16July 2021

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