अपने बनाए नियमों का पालन ,कराने लगी है सरकार ।
प्रकृति के नियमों का पालन करके भी देखो तो एक बार।
सरकारी नियम पालन करते करते, सरकारी खजाने भरते भरते ।
प्रकृति की अवहेलना करते करते, कोई नहीं बचा मरते मरते।
सबको अपने भीतर ही समेट लिया प्रकृति के तांडव ने ।
सिला दिया है इसने, जो नहीं सोचा इसके बारे मानव ने।
क्या संभव है जीना.... इस तरह प्रकृति की अवहेलना कर ।
क्या मिला सरकारी खजाने को एक हाथ खाली और दूसरे से भर ।
प्रकृति बिना जीवन नहीं इसके बारे सोचे कोई न।
सोचो एक दिन ऐसा होगा, फिर धरती पर रहेगा कोई न।
4.21 pm 30 July 2021
Very nice
ReplyDeleteThanks ji
DeleteVery Nice
ReplyDeleteThanks ji
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