Wednesday, 21 September 2022

2145 नारी (Nari) women

समझ कर नारी मुझे कमजोर मत जानना।

 चाहूँ तो कुछ भी कर लूँ यह है मेरा मानना।

इज्जत देती हूंँ सबको इसलिए कमतर न समझ ।

जान लेती हूंँ मैं जो चाहती जब हूंँ जानना।

उपकार मुझ पर तू करता है यह सोच मत ।

कर सकती हूंँ मैं हर मुश्किल का सामना ।

आएं चाहे  कितने भी तूफान जिंदगी में।

पर उनको कर लिया पार जब की कामना। 

एक इज्जत ही बस चाहती है नारी ।

देते रहना इज्जत, जब हो उसका सामना।

1 comment: