नशों से बचकर तू रह ले ओ साजना,
नशों से बचकर तू रह
कर देंगे वो पूरे कुल का खात्मा।
सारी कमाई डूब जाएगी,
हाथ में कुछ भी न आएगी।
मिलके बैठ रोएंगे सारे,
किस्मत तेरी रूठ जाएगी।
उजड़ जाएगा बसा हुआ आशियाना।
टीका लगाके कुछ नहीं होना।
10 मिनट की खुशी की खातिर,
उम्र भर का पड़ेगा रोना।
मिलना तो कुछ भी नहीं,
बस पड़ता है सब इसमें खोना।
खुशहाल जीवन की कर तू कामना।
माँ-बाप तेरे हैं रोते रहते,
संस्कार तेरे ये ही कहते,
कुछ पाने को मेहनत, करनी पड़ती,
सारे दिन एक जैसा नहीं रहते।
कर ले तू पक्का सोच के मन अपना,
कर दें हम सारे नशों का खात्मा।
7.30pm 11 Aug 2025
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