Punjabi version 3159
2122 1212 22
क़ाफ़िया ई
रदीफ़़ दीवार
कितनी मुश्किल से तोड़ी थी दीवार।
बीच क्यों कर दी फिर खड़ी दीवार।
प्यार से बीच की भरी खाई।
बीच नफ़रत की किसने की दीवार।
बरसों जिसको लगे गिराने में।
एकदम कैसे फिर उठी दीवार।
बात घर की घर ही में रहने दो।
तोड़ो मत अब बची हुई दीवार।
बात उसने ख़िलाफ़ जब बोली।
कितनी जल्दी थी फिर बनी दीवार।
प्यार से जो रहे थे मिलजुल के।
उनके क्यों बीच आ गई दीवार।
भाइयों में दरार जब आई।
घर की थी टूटती दिखी दीवार।
दुश्मनों से बचाव रखना जो।
'गीत' मजबूत रख सभी दीवार।
11.50am 2 July 2025
2 comments:
Very very nice
Wonderful!!!
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