Punjabi version 3191
हर मन में महत्वाकांँक्षाएं पलती हैं।
हिम्मत अगर खो दो तो वह ढलती हैं ।
महत्वकांँक्षा के साथ छोटी आकांँक्षा जो टकराएगी।
तो महत्वाकांँक्षा कमजोर हो जाएगी।
हिम्मत अगर खो दो तो वह ढलती हैं ।
महत्वकांँक्षा के साथ छोटी आकांँक्षा जो टकराएगी।
तो महत्वाकांँक्षा कमजोर हो जाएगी।
अपना असर जो खो देगी वो,
तो तुम क्या कुछ पा सकोगे, जरा बोलो।
खुद पर जो भरोसा हो तुम्हें,
तो निश्चय ही तूम पाओगे उन्हें।
मन जो सफ़लता के भावों से भरा होगा।
तुम्हारा रास्ता भी फिर फूलों से भरा होगा।
नाकारात्मक विषय में कभी मत सोचो।
जो भी सोचो सकारात्मक सोचो।
सोचो और बढ़ो।
आगे बढ़ो, श्रम करो।
मंज़िल को छू लो।
नहीं पा सकते, यह भूलो।
पा लोगे तुम उसे।
चाह है मन में पाने की जिसे।
203. 24 july 1990
तो तुम क्या कुछ पा सकोगे, जरा बोलो।
खुद पर जो भरोसा हो तुम्हें,
तो निश्चय ही तूम पाओगे उन्हें।
मन जो सफ़लता के भावों से भरा होगा।
तुम्हारा रास्ता भी फिर फूलों से भरा होगा।
नाकारात्मक विषय में कभी मत सोचो।
जो भी सोचो सकारात्मक सोचो।
सोचो और बढ़ो।
आगे बढ़ो, श्रम करो।
मंज़िल को छू लो।
नहीं पा सकते, यह भूलो।
पा लोगे तुम उसे।
चाह है मन में पाने की जिसे।
203. 24 july 1990
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