समझ कर नारी मुझे कमजोर मत जानना।
चाहूँ तो कुछ भी कर लूँ यह है मेरा मानना।
इज्जत देती हूंँ सबको इसलिए कमतर न समझ ।
जान लेती हूंँ मैं जो चाहती जब हूंँ जानना।
उपकार मुझ पर तू करता है यह सोच मत ।
कर सकती हूंँ मैं हर मुश्किल का सामना ।
आएं चाहे कितने भी तूफान जिंदगी में।
पर उनको कर लिया पार जब की कामना।
एक इज्जत ही बस चाहती है नारी ।
देते रहना इज्जत, जब हो उसका सामना।
1 comment:
Very nice ji
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