रास्ते क्यों हो गए सुनसान हैं।
कहाँ छुपा बैठा यह इंसान है।
इस जहान में ये आया मगर।
घड़ी भर का ही मेहमान है ।
बह जाए ना जाने इसमें कब ।
उफ़न आया जो यह तूफान है।
खुशी जानने वाले के लिए ही।
खुशियों से भरा यह जहान है।
पूरे कर ले , बैठा क्यों है।
दिल में तेरे जो अरमान है ।
उड़ान दे अपनी हसरतों को।
देख आगे खुला आसमान है ।
2.24pm 24 Aug 2020
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