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Monday 24 August 2020

1383 उड़ान दे अपनी हसरतों को

 रास्ते क्यों हो गए सुनसान हैं। 

 कहाँ छुपा बैठा यह इंसान है। 


इस जहान में ये आया मगर।

घड़ी भर का ही मेहमान है ।


बह जाए ना जाने इसमें कब ।

उफ़न आया जो यह तूफान है।


खुशी जानने वाले के लिए ही।

खुशियों से भरा यह जहान है।


पूरे कर ले , बैठा क्यों है।

दिल में तेरे जो अरमान है ।


उड़ान दे अपनी हसरतों को।

 देख आगे खुला आसमान है ।

2.24pm 24 Aug 2020


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