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Friday, 28 August 2020

1387 रूठ गए हैं हम ,क्यों अब हमें मनाते हो

 यादों में तुम, दिल के साज़ बजाते हो ।

क्या तुम भी,  हमें ख्वाबों में सजाते हो।


देखते हो जब प्यार से मेरी तरफ ।

तुम ऐसे ऐसे ख्वाब हमें दिखाते हो।


जब कह देते हैं हम ,पास आ जाओ ।

जाने क्यों तुम सौ बहाने बनाते हो।


प्यार है हमें तुमसे बस, कुछ और नहीं ।

फिर क्यों हम पर तोहमत तुम लगाते हो।


बात करो और सुलझा लो उलझन को ।

उठ ही गई है बात तो, क्यों दबाते हो।


आ ही गया ना सब सामने ,अब तो.. ।

रूठ गए हैं हम ,क्यों अब हमें मनाते हो।


6.55pm.28 Aug 2020

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