यादों में तुम, दिल के साज़ बजाते हो ।
क्या तुम भी, हमें ख्वाबों में सजाते हो।
देखते हो जब प्यार से मेरी तरफ ।
तुम ऐसे ऐसे ख्वाब हमें दिखाते हो।
जब कह देते हैं हम ,पास आ जाओ ।
जाने क्यों तुम सौ बहाने बनाते हो।
प्यार है हमें तुमसे बस, कुछ और नहीं ।
फिर क्यों हम पर तोहमत तुम लगाते हो।
बात करो और सुलझा लो उलझन को ।
उठ ही गई है बात तो, क्यों दबाते हो।
आ ही गया ना सब सामने ,अब तो.. ।
रूठ गए हैं हम ,क्यों अब हमें मनाते हो।
6.55pm.28 Aug 2020
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