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क़ाफ़िया आत
रदीफ़ नहीं पूछ रहा हूंँ
उस दिन हुई क्या बात नहीं पूछ रहा हूंँ।
क्या था हुआ उस रात नहीं पूछ रहा हूंँ।
कुछ तो हुआ था बाद तुझे मिलने पे मुझसे।
फिर भी तेरे जज़्बात नहीं पूछ रहा हूँ।
सच जो भी बता मुझको, वही जानना चाहूँ।
इस बारे ख्यालात नहीं पूछ रहा हूंँ।
क्या बाद मुलाकात, तेरा मन भी था भीगा।
उस दिन हुई बरसात नहीं पूछ रहा हूँ।
खाई है कभी चोट लगा दिल को किसी से।
किसने दिया आघात नहीं पूछ रहा हूँ।
जब इश्क करे कोई कहांँ देखे हैं मज़हब।
मैं भी तो कोई ज़ात नहीं पूछ रहा हूँ।
क्यों मुझको बताता है मुलाकात की बातें।
मैं तेरे तो हालात त नहीं पूछ रहा हूँ।
क्या दिल भी दिया 'गीत' तुझे, दिल के है बदले।
क्या उसने दी सौगात, नहीं पूछ रहा हूँ।
1.27pm 1 Aug 2025
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