मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
सरसों की पीली चुनर से खेत सजे हैं।
गबरू इस माटी के भी तो जोश भरे हैं।
ढोल नगाड़े बजे जहांँ पर नहीं है कोई जवाब।
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेहनत जिसके हर जीव में बस्ती।
अनमोल बड़ी पंजाब की है ये पावन धरती।
बिन तेरी गाथा के अधूरी, भारत की किताब।
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
गुरुओं की वाणी से गूंँजे हर इक कोना।
पंजाब की पावन माटी तन से उगले सोना।
हवा में इसकी बहती खुशबू, अमृत इसका आब।
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
सतलुज की धारा बहती गीत सुनाती।
भाईचारे का संदेश ये सबको देती जाती।
वीर जवान हैं करते रक्षा, दे मूंछों को ताव।
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
मेरा पंजाब मेरा पंजाब
6.27pm 4 September 2025
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