बहक जाते हैं वह ज़रा सी बात पर,
कुछ कहें भी उनको, तो बता कैसे।
उलझ जाते हैं वह ज़रा सी बात पर,
बात हम सुलझाएं भी तो बता कैसे।
बात वो सुनना ही न चाहें हमारी
तो क्यों हम उसके पीछे यूं भागें।
एक चुप और सौ सुख अपना के जाना,
जिन्दगी की कश्ती चलाएं तो कैसे।
1.13pm 1 Feb 2020
कुछ कहें भी उनको, तो बता कैसे।
उलझ जाते हैं वह ज़रा सी बात पर,
बात हम सुलझाएं भी तो बता कैसे।
बात वो सुनना ही न चाहें हमारी
तो क्यों हम उसके पीछे यूं भागें।
एक चुप और सौ सुख अपना के जाना,
जिन्दगी की कश्ती चलाएं तो कैसे।
1.13pm 1 Feb 2020
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