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Saturday, 15 February 2020

Poz1192 आदमी और मौसम

रात का समां यह देखो कितना मस्त मस्त है।
महकी उमंगे उमड़ उमड़ के हो जाती कितनी मस्त हैं।

बादल उमड़ घुमड़ के देखो कैसे आ रहे हैं।
राग रागिनी हवाओं को देखो कंठस्थ है।

कैसे उमड़ घुमड़ कर आते हैं यह बादल गहरे।
गर्मी को देखो कैसे कर जाते यह ध्वस्त हैं।

हर हाल में आदमी मौसम से रहता है जूझता।
फिर भी देखो बदलते मौसम के साथ रहता यह मस्त है।
9.56pm 15 Feb 2020 Bali
7.26pm 15 Feb 2020 India

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