Followers

Friday, 5 June 2020

1303 प्रकृति और हम एक दूजे के पूरक हैं

वृक्ष है तो मैं हूँ, मैं हूं तो वृक्ष।
एक दूजे के बिन जिंदगी अधूरी हैं।
मैं दूं तुझको कार्बन डाइऑक्साइड
तू दे मुझको ऑक्सीजन
तभी हम और दुनिया  पूरी हैं।

हम दोनों ही क्या .....
यह प्रकृति ही एक दूजे पर टिकी है।
जो सोचता है बिन तेरे मैं जी पाऊंगा
उसकी तो मती अंधेरे ने  घेरी है।

आओ मिल जुल कर रहें हम।
जीएं और दूसरों को जीने दे हम।
प्रकृति और हम एक दूजे के पूरक हैं।
एक दूजे से ही है दुनिया में उजाला।
वर्ना यह सृष्टि अंधेरी है।

6.51pm 5 June 2020

No comments: