हिंसा से जो दूर हो ,सुंदर हो संसार।
भेदभाव से हो परे , ऐसे बनो उदार।
ऐसे बनो उदार , उजाला फैले हरदम।
मिलजुल कर दें साथ, खुशी होए न कभी कम।
सभी पढ़ें मिल पाठ , रखेंगे सदा अहिंसा।
तब ही होगी दूर , *जगत से इक* दिन हिंसा।
*संगीता शर्मा कुंद्रा ,चंडीगढ़*
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