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Sunday, 7 November 2021

K2 1823 कुंडलियां छंद "अहिंसा"


हिंसा से जो दूर हो ,सुंदर हो संसार।

भेदभाव से हो परे , ऐसे बनो उदार।

ऐसे बनो उदार , उजाला फैले हरदम।

मिलजुल कर दें साथ, खुशी होए न कभी कम।


सभी पढ़ें मिल पाठ , रखेंगे सदा  अहिंसा। 

तब ही होगी दूर , *जगत से इक* दिन हिंसा।

 

*संगीता शर्मा कुंद्रा ,चंडीगढ़*

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