Punjabi version 3229
 
गुरु बिना जीवन लगे, मोती अंदर सीप। 
संग गुरु हर राह तो, जले ज्ञान का दीप।
शिक्षक की ही सीख से, सपने भरें उड़ान।
उनसे ही फिर शिष्य को, मिले नई पहचान।
पाकर गुरु से ज्ञान को, शिष्य पाये सम्मान।
मिले शिष्य को नाम जो, गुरु का बढ़ता मान।
चलता गुरु की सीख पर, रहता गुरु के संग।
मंज़िल उसको हर मिले, चढ़ता गुरु का रंग।
उड़ने की जो चाह है, मन में ले तू ठान।
गुरुवर का जो साथ हो, राह बने आसान।
5.13pm 7 September 2025

2 comments:
बहुत बढ़िया जी ।
Wah
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