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Saturday, 2 October 2021

G1 1787 ग़ज़ल Ghazal ,:क्या मेरा साथ तुम निभाओगे

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काफिया आओ Qafia Aao

रदीफ़ गे Radeef  Ge


क्या मेरा साथ तुम निभाओगे ।

तोड़ कर दिल तो तुम न जाओगे ।


याद आ आ के जो हो तड़पाते।

 क्या यूं रातों को तुम जगाओगे ।


आ भी जाओ हमारी बाहों में ।

आग कब प्यार की बुझाओगे ।


प्यार ही प्यार हो जहांँ पर बस 

ऐसा इक तुम जहां बसाओगे


प्यार के सुर सजे हों जिसमें बस।

क्या कोई ऐसा "गीत" गाओगे

4.01pm 2Oct2021

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