Qafia Aa काफिया आ
रदीफ गई थी Radeef Gai thi
212 212 212 2
जब मुझे देखा शरमा गई थी ।
लाली गालों की गहरा गई थी ।
गेसुओं को जो लहराया उसने ।
दिल पे मेरे सितम ढा गई थी ।
छोड़कर जब गई थी वो मुझको
तब जुदाई वो तड़पा गई थी ।
आईना रख जो देखा था खुद को।
अपनी सूरत उसे भा गई थी।
आई थी जब वो महफ़िल में मेरी।
आते ही फिर वो तो छा गई थी ।
प्यार का राग छेड़ा जो उसने ।
फिर तो खामोशी गहरा गई थी ।
क्या हसीं रब ने उसको बनाया ।
देख धोखा वो खुद खा गई थी।
9.20am 1Oct 2021
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