भारत के स्वतंत्रता संग्राम के हवन कुंड में वीरों ने ही नहीं वीरांगनाओं ने भी बढ़-चढ़कर अपनी प्राणों की आहुतियां दी हैं। आजादी के इस अमृत महोत्सव में हम उन वीरांगनाओं को याद करते हैं जिन्होंने इस संग्राम में अपना योगदान दिया।
आओ सुनाऊं वीरांगनाओं की तुमको मैं कहानी जी।
देश के लिए दे दी जिन्होंने हंसते-हंसते कुर्बानी थी ।
जन जन में भड़की आजादी पाने की फिर ज्वाला थी ।
उसी आग में घी डालने वाली असम की "वीरबाला" थी।
कमसिन नाजुक " कनकलता" के हौसलों में जान थी ।
आजादी में योगदान को, उसने भरी उड़ान थी ।
भारत छोड़ो आंदोलन का समय जब आया था।
जन जन ने फिर जगह जगह तिरंगे को फहराया था।
कनकलता ने तिरंगा फहराने का बीड़ा उठाया था ।
पुलिस चौकी हवलदार भी उसको रोक न पाया था ।
कनकलता तिरंगा थामे आगे बढ़ती जाती थी ।
चाहे गोली अंग्रेजों की, उसकी तरफ को आती थी ।
गोली चाहे कर गई उसका सीना पार थी।
पर तिरंगे को गिरने न दिया एक बार भी ।
जान नियोछावर कर गई "वीर बाला" अपने देश पे।
रह गया स्तंभ हर जन बलिदान उसका देख के ।
आजाद हिंद फौज में वह भर्ती होना चाहती थी।
नाबालिग कह कनकलता की याचिका थी खारिज की ।
17 की ही उम्र उमर में उसने ,खाई सीने पे गोली थी।
बता गई बलिदान की ,आयु होती निश्चित नहीं ।
ऐसी ही कई वीरांगनाओं ने देश पर बलिदान दिया ।
एक बार जो बड़ा कदम तो फिर ना उसको पीछे लिया।
किन्नूर की रानी चेन्नम्मा ने शस्त्रों से लड़ी लड़ाई थी ।
अंग्रेजों से लड़ते हुए ही वीरगति पाई थी ।(कर्नाटक राज्य में 1857से 30 साल पहले )
झांसी की रानी को तो बच्चा-बच्चा जानता है ।
शौर्य उसका देख के, अंग्रेजों का दिल कांपता है ।
1857 में देश भक्ति की अलख जगाई थी ।
हर नारी में वीरांगना बनने की ज्वाला भड़काई थी ।
बेगम हजरत महल ने हाथी पर चढ़ था लोहा लिया।
अंग्रेजों से जीत किला,लखनऊ पर था कब्जा किया ।
महिलाओं के अधिकारों पर एनी बेसेंट ने काम किया।
भीकाजी कामा ने महिलाओं को वोटों का अधिकार दिया।
अंतरराष्ट्रीयसम्मेलन में (1960 जर्मनी में )कामा ने ध्वज फहराया था।
यही ध्वज फिर आजादी का प्रथम ध्वज कहलाया था ।
सुचेता कृपलानी,लक्ष्मी सहगल,दुर्गाबाई,क्या-क्या नाम सुनाऊं मैं।
आजादी में झोंकी जवानी, शत शत शीश झुकाऊं मैं।
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(सुचेता कृपलानी ने 15 अगस्त 1947 को प्रथम सविधान सभा के सवतंत्रता सत्र में वंदे मातरम गाया, महिलाओं की रोल मॉडल),
सरोजनी नायडू ,लक्ष्मी सहगल( आजाद हिंद फौज की कमांडर),
अरूणा आसिफ अली ,कमला नेहरू, दुर्गाबाई देशमुख ,
सावित्री बाई फुले (सीक्रेट कॉन्ग्रेस रेडियो)
1.30pm 6 Oct 2021
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