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Tuesday, 19 January 2021

1531 Dohe दोहे (माँ बाप)

 अचरज तू काहे करे, देखे जो अंजाम।

जो तुमने अब तक किया, यह उसका परिणाम।


व्यंग्य

होने दे जो हो रहा, काहे को घबराय ।

तू रख अपना ध्यान रे, तू तो आगे जाय।

 

कर सेवा  माँ  बाप की,  होगा बेड़ा  पार।

जीते जी स्वर्ग मिले, हो जाये उद्धार।


माया माया तू करे, पर संभाल न पाय।

शुभ कर्म अपने पास रख, माया साथ न जाय।


बोल मीठे बोल जरा,तन मन खुश हो जाय।

मंत्र मुग्ध फिर हों सभी, शब्द महक फैलाय।


जिसको तू मेरा कहे,वह यहीं रह जाए।

 जाना तेरे साथ जो, क्यों न उसे कमाए।

11.30am 19 Jan 2021