अचरज तू काहे करे, देखे जो अंजाम।
जो तुमने अब तक किया, यह उसका परिणाम।
व्यंग्य
होने दे जो हो रहा, काहे को घबराय ।
तू रख अपना ध्यान रे, तू तो आगे जाय।
कर सेवा माँ बाप की, होगा बेड़ा पार।
जीते जी स्वर्ग मिले, हो जाये उद्धार।
माया माया तू करे, पर संभाल न पाय।
शुभ कर्म अपने पास रख, माया साथ न जाय।
बोल मीठे बोल जरा,तन मन खुश हो जाय।
मंत्र मुग्ध फिर हों सभी, शब्द महक फैलाय।
जिसको तू मेरा कहे,वह यहीं रह जाए।
जाना तेरे साथ जो, क्यों न उसे कमाए।
11.30am 19 Jan 2021
4 comments:
वाह वाह
Wah wah
वाह वाह
धन्यवाद
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