आज तुझ पर क्या लिखूं ।
दिन है यह कुछ खास।
इक्सवीं सदी चली, कैसा है साल।
सबने यह दिन है देखा,जैसा मैंने आज।
हर किसी की किस्मत में होती नहीं ये बात।
सदी बदलते देखे कोई कोई ,कोई देखे साल।
इन तीनों का मेल है , देखा मैंने आज।
सदी सदी का खेल है ।
सबकी किस्मत अपने हाथ ।
किसी के गुजरे अच्छे दिन।
किसी का ना दे ये साथ।
चाहूँ मैं सबका भला इस साल ।
छूटे बंधन सबके ,रहें सब खुशहाल।
12.15pm 21 Jan 2021
2 comments:
vadhiya ji
Thanks ji
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