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Friday, 22 January 2021

1534 गज़ल:Gazal तुझसे न है कोई गिला रे

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काफि़या इला Qafia ila

रदीफ़ रे Radeef re

जब से है तू मुझसे मिला रे।

 है तब से मन मेरा खिला रे। 


है नैन खुश और, मन भी खुश है।

 जबसे ये दिल तुझसे मिला रे। 


है मन तेरा और तू है मेरा।

तुमसे न है कोई गिला रे।


आया  सुकूं जो तुझसे मिलकर।

 उसका  तुझे क्या दूँ सिला  रे।

11.26am 22 Jan 2021

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