कौन था बापू किसी को अब याद नहीं।
हो जाए जब छुट्टी,बसआती है याद तभी।
अहिंसा की बातें कहीं धरी की धरी रह गई।
अब तो बस हिंसा की ही जाती है बात कही।
कह तो देते हैं बात करने से ही बात बनती है।
पर ऐसा तो हमने होता देखा नहीं कभी।
जिधर देखो बस आग ही आग लगी है।
हर किसी को ही है यहां तो बस अपनी पड़ी।
बापू तुम अब स्वर्ग साधना में लग जाना।
भारत की चिंता अब छोड़ देना सभी।
जो होना है हो जाएगा भारत का अब।
तुमने कर्म कर अपना दिला दी थी आजादी।
.1.37pm 30 Jan 2021 Saturday
2 comments:
बहुत सुंदर!!!
धन्यवाद
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