Followers

Saturday, 14 June 2025

3141 ग़ज़ल लिख

Punkabi version 3142
English version 3143

 2122 2122 212

क़ाफ़िया आता

रदीफ़ लिख

जब उदासी छाए तो जज्बात लिख। 

जो तेरे दिल पे हुआ आघात लिख।


मीठी बातें याद आएं तुझे। 

याद करके वो हर इक तू बात लिख। 


याद कर वो सब मुलाकातें तेरी।

उन में सबसे जो हसीं वो रात लिख।


बाज़ी खेली जब इश्क़ में जान की। 

किसने किसको दी थी इसमें मात लिख।


प्यार अपना जब चढ़ा परवान था। 

लोग बन बैठे थे तब जिन्नात लिख।


रिश्ता अपना देख के टूटा हुआ। 

कर रहे क्या वो तेरी खिदमात लिख।


प्यार करने वालों का मज़हब नहीं।

है नहीं इनकी कोई भी ज़ात लिख।


प्यार हो जाता किसी भी पल कहीं।

'गीत' फिर हो शहर या देहात लिख।

3.00pm 14 June 2025

इस शहर का फिल्मी गीत

तुम न जाने किस जहां में खो गये 

No comments: