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Thursday, 30 October 2025

3278 ग़ज़ल हो जाएगी मुश्किल


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क़ाफ़िया आ

रदीफ़ नहीं हो जाएगी मुश्किल

 गर तू बना मेरा नहीं हो जाएगी मुश्किल।

जो अब तुझे पाया नहीं हो जाएगी मुश्किल।

आंँसू जो बहते रात दिन आंँखों से हैं मेरी।

बरसात गर रोकी नहीं हो जाएगी मुश्किल।

कहते मुझे तुम छोड़ दो अब पास आना मत। 

यह दिल अगर माना नहीं हो जाएगी मुश्किल। 

समझाता रहता दिल नहीं है प्यार के काबिल। 

इसने अगर जाना नहीं हो जाएगी मुश्किल।

राहें जुदा जब हो गईं फिर पास रहना क्यों। 

तड़पा, तुझे देखा नहीं हो जाएगी मुश्किल।

चाहत चले तू हाथ लेकर हाथ में मेरा।

माना मगर आया नहीं हो जाएगी मुश्किल।

तू प्यार कर, तकरार कर, पर साथ रहके कर।

देना मगर धोखा नहीं हो जाएगी मुश्किल। 

इक बार जब तू 'गीत' को अपना बना लेना।

फिर दूर तू रहना नहीं हो जाएगी मुश्किल।


5.20pm 30 Oct 2025

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