2122 1122 1122 22 (112)
क़ाफ़िया आता
रदीफ़ बता मुश्किल क्या है
पास तू क्यों नहीं आता, बता मुश्किल क्या है।
मुझसे क्यों कह नहीं पाता, बता मुश्किल क्या है।
तेरे ग़म में रहूंँ शामिल, यही चाहा हरदम।
काश गम अपना सुनाता बता मुश्किल क्या है।
राह देखूंँ मैं तुम्हारी, तुम्हें बस याद करूँ।
आता तो रंग जमाता, बता मुश्किल क्या है।
बांँट तकलीफ तेरी, हल करें मिलकर उसको।
कौन तुमको है सताता, बता मुश्किल क्या है।
फूल राहों में बिछाऊँ मैं यही अब चाह मेरी।
तू भी मेरे लिए लाता, बता मुश्किल क्या है।
कामयाबी यूंँ ही मिलती नहीं, जो पानी है।
ग़म के बादल को हटाता, बता मुश्किल क्या है।
काश मिलता तुझे कोई जो तेरे सारे ही।
ग़म के बादल को उड़ाता, बता मुश्किल क्या है।
जो तुझे ग़म दिए दुनिया ने कई, अपने गले।
'गीत' को आके लगाता, बता मुश्किल क्याहै।
7.09pm 19 Nov 2025


1 comment:
Very nice congratulations
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