ठोकर जो लगी तो सामने आया हकीकत क्या है, जख्म कहते हैं किसे, मुसीबत क्या है।
तुम नहीं जान सकते मेरे अल्फ़ाज जानकर ,
कि मेरे दिल की हालत क्या है ,
1. चलते चलते जो गिर जाएंं, तो कैसा लगता है
तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
तुम्हें तो जैसा पहले था, वैसा ही लगता है ।
2. जिंदगी की राहों पर चलना ,
फिर उस पर गिर के संभलना ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है
तुम्हें तो जैसा पहले था ,वैसा ही लगता है ।
3 . मुश्किलों का दरिया जो सामने हो ,
उसे पार करना कैसा लगता है ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
तुम्हें तो जैसा पहले था ,वैसे ही लगता है
4. उलझनों को सुलझा कर जो खुशी मिलती है ,
कैसा लगता है ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है।
मगर ,
ऐसी ठोकर जो आज दिल पर लगी है ,
सामना कर नहीं पा रहा हूं ,
जख्म तो बढ़ता ही जा रहा है ,
नहीं जानता इसका अंजाम क्या है ,
मौत है या जाम है ,
माफ करना है या इंतकाम है ,
गम में जलना है या आराम है ,
धरती है यह आसमान है ,
जिंदगी मंजिल है या, मौत मुकाम है।
24 June 1989 43
Thokar Lagi Tuo Samne Aaya Haqeeqat kya hai.
zaqkm kehte hain Kisie, musebaat kya hai .
tum nehe Jaan Sakte Mere Alfaaz Jaan Kar,
ki Dil Ki Halat kya hai .
1
Chalte Chalte Jo gir jao to Kaisa Lagta Hai ,
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai .
TuMai Tu jeiSa pehle Tha Waisa hi Lagta Hai.
2. Zindagi Ki Rahon Mein Chalna Phir uspe gir Ke sambhalna .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai.......
3. Mushkilon Ka Dariya jo Samne Ho
use paar karna Kaisa Lagta hai
tum kya Janu.........
4.uljano ko Samjha kar Jo Khushi Milti Hai .
Kaisa Lagta Hai .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai ..
Magar ,
Aisi Thokar Aaj Dil Pe Lagi Hai ,
SamNa Kar nahi Pa Raha Hu .
Jakm toh badta hi Ja Raha Hai,
Nahi Janta Is Ka Anjaam Kya Hai .
Maut hai ya jaam hai.
maaf karna hai ya Inteqam hai .
Gum mein Jalna hai ya aaram hai.
Dharti Hai Ya Aasman Hai.
Zindagi Manzil Hai Ya Maut Mukam hai
तुम नहीं जान सकते मेरे अल्फ़ाज जानकर ,
कि मेरे दिल की हालत क्या है ,
1. चलते चलते जो गिर जाएंं, तो कैसा लगता है
तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
तुम्हें तो जैसा पहले था, वैसा ही लगता है ।
2. जिंदगी की राहों पर चलना ,
फिर उस पर गिर के संभलना ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है
तुम्हें तो जैसा पहले था ,वैसा ही लगता है ।
3 . मुश्किलों का दरिया जो सामने हो ,
उसे पार करना कैसा लगता है ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
तुम्हें तो जैसा पहले था ,वैसे ही लगता है
4. उलझनों को सुलझा कर जो खुशी मिलती है ,
कैसा लगता है ।
तुम क्या जानो कैसा लगता है।
मगर ,
ऐसी ठोकर जो आज दिल पर लगी है ,
सामना कर नहीं पा रहा हूं ,
जख्म तो बढ़ता ही जा रहा है ,
नहीं जानता इसका अंजाम क्या है ,
मौत है या जाम है ,
माफ करना है या इंतकाम है ,
गम में जलना है या आराम है ,
धरती है यह आसमान है ,
जिंदगी मंजिल है या, मौत मुकाम है।
24 June 1989 43
Thokar Lagi Tuo Samne Aaya Haqeeqat kya hai.
zaqkm kehte hain Kisie, musebaat kya hai .
tum nehe Jaan Sakte Mere Alfaaz Jaan Kar,
ki Dil Ki Halat kya hai .
1
Chalte Chalte Jo gir jao to Kaisa Lagta Hai ,
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai .
TuMai Tu jeiSa pehle Tha Waisa hi Lagta Hai.
2. Zindagi Ki Rahon Mein Chalna Phir uspe gir Ke sambhalna .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai.......
3. Mushkilon Ka Dariya jo Samne Ho
use paar karna Kaisa Lagta hai
tum kya Janu.........
4.uljano ko Samjha kar Jo Khushi Milti Hai .
Kaisa Lagta Hai .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai ..
Magar ,
Aisi Thokar Aaj Dil Pe Lagi Hai ,
SamNa Kar nahi Pa Raha Hu .
Jakm toh badta hi Ja Raha Hai,
Nahi Janta Is Ka Anjaam Kya Hai .
Maut hai ya jaam hai.
maaf karna hai ya Inteqam hai .
Gum mein Jalna hai ya aaram hai.
Dharti Hai Ya Aasman Hai.
Zindagi Manzil Hai Ya Maut Mukam hai
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