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Wednesday, 23 November 2016

K2 0043 ठोकर जो लगी तो सामने आया हकीकत क्या है (Thokar Jo Lgi Samne Aaya Haqiqat Kya Hai)

ठोकर जो लगी तो सामने आया हकीकत क्या है, जख्म कहते हैं किसे, मुसीबत क्या है।
 तुम नहीं जान सकते मेरे अल्फ़ाज जानकर ,
कि मेरे दिल की हालत क्या है ,
1. चलते चलते जो गिर जाएंं, तो कैसा लगता है  
   तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
   तुम्हें तो जैसा पहले था, वैसा ही लगता है ।
2. जिंदगी की राहों पर चलना ,
    फिर उस पर गिर के संभलना ।
    तुम क्या जानो कैसा लगता है
   तुम्हें तो जैसा पहले था ,वैसा ही लगता है ।
3 . मुश्किलों का दरिया जो सामने हो ,
    उसे पार करना कैसा लगता है ।
    तुम क्या जानो कैसा लगता है ,
    तुम्हें तो जैसा  पहले था ,वैसे ही लगता है
4.  उलझनों को सुलझा कर जो खुशी मिलती है ,
     कैसा लगता है ।
     तुम क्या जानो कैसा लगता है।
मगर ,
ऐसी ठोकर जो आज दिल पर लगी है ,
सामना कर नहीं पा रहा हूं ,
जख्म तो बढ़ता ही जा रहा है ,
नहीं जानता इसका अंजाम क्या है ,
मौत है या जाम है ,
माफ करना है या इंतकाम है ,
गम में जलना है या आराम है ,
धरती है यह आसमान है ,
जिंदगी मंजिल है या, मौत मुकाम है।
24 June 1989  43
Thokar Lagi Tuo Samne Aaya Haqeeqat kya hai.
 zaqkm kehte hain Kisie, musebaat kya hai .
tum nehe Jaan Sakte Mere Alfaaz Jaan Kar,
 ki Dil Ki Halat kya hai .
1
Chalte Chalte Jo gir jao to Kaisa Lagta Hai ,
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai .
TuMai Tu jeiSa pehle Tha Waisa hi Lagta Hai.
2. Zindagi Ki Rahon Mein Chalna Phir uspe gir Ke sambhalna .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai.......
3. Mushkilon Ka Dariya jo Samne Ho
use paar karna Kaisa Lagta hai
tum kya Janu.........
4.uljano ko Samjha kar Jo Khushi Milti Hai .
Kaisa Lagta Hai .
Tum Kya Jano Kaisa Lagta Hai ..
Magar ,
Aisi Thokar Aaj Dil Pe Lagi Hai ,
SamNa Kar nahi Pa Raha Hu .
Jakm toh badta hi Ja Raha Hai,
 Nahi Janta Is Ka Anjaam Kya Hai .
Maut hai ya jaam hai.
maaf karna hai ya Inteqam hai .
Gum mein Jalna hai ya aaram hai.
 Dharti Hai Ya Aasman Hai.
 Zindagi Manzil Hai Ya Maut Mukam hai

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