अपने विचारों को सीमित नहीं आसीम बना ले।
कर हिम्मत और पढ़ कर अपनी मंजिल को पा ले।
जो तू कुछ आशा ही नहीं कर सकता तो तेरा जीना व्यर्थ है ।
पाना और पहले से बढ़ कर पाना ही जीवन का अर्थ है ।
जितनी ऊंची तेरी सोच होगी ,उतना ही तेरा साहस बढ़ेगा ।
साहस के साथ श्रम बढ़ेगा और आलस घटेगा ।
अगर तू गरीब है तो यह ना सोच गरीब ही रहेगा ।
तेरी सोच होगी अमीर बनने की तो तू अमीर बनेगा ।
तू ईश्वर की संतान हैं ।
जिस कार्य के लिए आया है पूरा करना तेरा काम है ।
हाथ बढ़ा और ,और बड़ा ।
दुनिया को ऊंचा उठ कर दिखा।
संकल्प शक्ति जो तुझ में दृढ़ हो तो ,
तुझे कोई न रोक पायेगा ।
होगा फिर तेरी जिंदगी में वही ,जो तू चाहेगा ।
अपनी सोच कभी भी नीची ना होने दे।
यही कारण हो सकता है जो तुझे आगे बढ़ने से रोक दे।
आसान हो जाएगी खुद ही तेरी राहें ,
जो तू दृढ़ हो जाएगा ।
और फिर लग्न से जो श्रम करेगा ,
तो तू उस मंजिल को पाएगा।
24 July 1990. 200
Apne vicharon ko tu seemet nahi aseem bana le.
kar Himmat Aur badh kar apni Manzil ko pa l e.
Jo toh kuch aasha hi nahi kar sakta tuo Tera Jeena wherath hI.
Panna or Pehle Se Badhkar Pana He Jivan ka Arth Hai .
Jitni unchhi Teri Soch Hogi utna He Tera Sahas badega .
Sahas ke sath Shram badega aur Aalas tutega.
agar tu Garib Hai Tu Ye Na Soch Garib Hi Rahega.
Teri Soch Hogi Amir banne ki tou tu Aamir Banega.
Tu Ishwar ki santaan Hai.
Jis Karye Ke Liye Aaya hi poora karna Tera Kham hai .
Hath Bada aur ,aur Bada.
Duniya Ko uncha uth Kar dikha .
Sankalp Shakti Jo Tujh Mein drid ho toh Tujhe Koi N rok paega .
Phir Teri Zindagi Mein Wahi ho ga jo Tu Chahe ga.
apni Soch Kabhi b neeChi na honede .
Yahi Karan ho sakta hai Jo Tujhe aage badne se Roke day.
Aasan ho jayegi Khud hi teri rahein Jo Tu Dirid Ho Jayega .
aur phir Lagan se jo shrem Karega toh tu us Manzil Ko payega
कर हिम्मत और पढ़ कर अपनी मंजिल को पा ले।
जो तू कुछ आशा ही नहीं कर सकता तो तेरा जीना व्यर्थ है ।
पाना और पहले से बढ़ कर पाना ही जीवन का अर्थ है ।
जितनी ऊंची तेरी सोच होगी ,उतना ही तेरा साहस बढ़ेगा ।
साहस के साथ श्रम बढ़ेगा और आलस घटेगा ।
अगर तू गरीब है तो यह ना सोच गरीब ही रहेगा ।
तेरी सोच होगी अमीर बनने की तो तू अमीर बनेगा ।
तू ईश्वर की संतान हैं ।
जिस कार्य के लिए आया है पूरा करना तेरा काम है ।
हाथ बढ़ा और ,और बड़ा ।
दुनिया को ऊंचा उठ कर दिखा।
संकल्प शक्ति जो तुझ में दृढ़ हो तो ,
तुझे कोई न रोक पायेगा ।
होगा फिर तेरी जिंदगी में वही ,जो तू चाहेगा ।
अपनी सोच कभी भी नीची ना होने दे।
यही कारण हो सकता है जो तुझे आगे बढ़ने से रोक दे।
आसान हो जाएगी खुद ही तेरी राहें ,
जो तू दृढ़ हो जाएगा ।
और फिर लग्न से जो श्रम करेगा ,
तो तू उस मंजिल को पाएगा।
24 July 1990. 200
Apne vicharon ko tu seemet nahi aseem bana le.
kar Himmat Aur badh kar apni Manzil ko pa l e.
Jo toh kuch aasha hi nahi kar sakta tuo Tera Jeena wherath hI.
Panna or Pehle Se Badhkar Pana He Jivan ka Arth Hai .
Jitni unchhi Teri Soch Hogi utna He Tera Sahas badega .
Sahas ke sath Shram badega aur Aalas tutega.
agar tu Garib Hai Tu Ye Na Soch Garib Hi Rahega.
Teri Soch Hogi Amir banne ki tou tu Aamir Banega.
Tu Ishwar ki santaan Hai.
Jis Karye Ke Liye Aaya hi poora karna Tera Kham hai .
Hath Bada aur ,aur Bada.
Duniya Ko uncha uth Kar dikha .
Sankalp Shakti Jo Tujh Mein drid ho toh Tujhe Koi N rok paega .
Phir Teri Zindagi Mein Wahi ho ga jo Tu Chahe ga.
apni Soch Kabhi b neeChi na honede .
Yahi Karan ho sakta hai Jo Tujhe aage badne se Roke day.
Aasan ho jayegi Khud hi teri rahein Jo Tu Dirid Ho Jayega .
aur phir Lagan se jo shrem Karega toh tu us Manzil Ko payega
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