Followers

Friday, 4 November 2016

 267उनको हम क्यों देखें जिनका चेहरा कुछ और कहे ,
दिल में कुछ और हो 
बातें करें जो हमसे प्यार की ,
दिल में बसा कोई और हो।
जमाने को सिखाते रहे उल्फत की बातें ,
और मन में अपने कुछ और हो ।
उनको ................हो ।

उनको हाल-ए-दिल क्यों सुनाएं,
जिनका ना कोई दिल पर जोर हो ।
बावफा मिलते रहे कितने चाहे,
लेकिन उनका रुख बेवफा की ही और हो।
उनको ............... हो ।

हम करके दिखा देंगे कुछ ऐसा ,
कि हर जगह हमारा ही शोर हो ।
वह चाहे ना करें रुख इस तरफ ,
सबका रुख मगर हमारी ही और हो।
उनको हम क्यों देखें जिनका चेहरा और कहे 
दिल में कुछ और हो।
267 10march 1991

No comments: