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Thursday, 10 November 2016

194अश्क जो बहे गम बाहर आ गया,
 मगर होंठों से वह फिर दिल में उतर गया।
दीवानगी का वो आलम है कि कुछ सूझता ही नहीं,
हाले दिल कैसा है हमसे कोई पूछता ही नहीं।
जज्बात जो उठे दिल में, किसी से कह ना सके ,
दिल खो कर भी देखिए हम किसी से के हो ना सके ।
मायूसियों ने घेरा है मुझे कुछ इस कदर,
कि हर शाम गमगीन नज़र आती है हमें ।
भूल जाना चाहता हूं तुमको मगर ,
फिर वही तेरी याद सताती है हमें ।
उनकी हर एक अंदाज पर फिदा हो गए थे हम ,
हमारी नजर तो उन पर ही थी,
फिर भी पता न चला कब जुदा हो गए थे हम।
     194    1 June 1990
English meaning.......

Tears reduced my pain and sorrow,
 but harsh words again put me in pain
I reached the apex of madness and passion
But nobody cares me
Emotion which arose in the heart,
could not say to somebody ,
I lost heart but can't get there.
Sadness is surrounded in a way,
That every evening getting inconsolable.
I want to forget you,
But remember you all the time which is  disturbing .
I was floored, on him for their ways,
My eye was on them,
but did not know when we were separated. 

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