गम उन्होंने दिया मुझे,
दिल उनका कर्ज़दार हो गया।
हम तो उनको अपना बनाने की चाह में लुटते रहे।
कोई आया और मुस्कुराया,
उनका दिल किसी का हो गया।
हम तो पहले ही लुटे हुए थे,
अब तो कर्ज़दार हो गए।
हमारे आँसू बहते तो किसी ने न देखे,
उनकी हँसी के आँसु मोती हो गए।
चलता रहा यूँ ही सिलसिला
और कोई उन्हें छोड़ कर चल दिया।
हम तो अब भी उन्ही को पूजते थे,
वे आए हमारे पास और अपना बना लिया।
हम भी खुश हैं कि वो हमारे पास हैं ,मगर
उनके इक बार किसी के हो जाने के एहसास साथ है।
कहीँ वो हमें खिलौना न समझें,
खुद को वो हमसे जुदा न करदें,
ख़ुदा तो गवाह है हमारा, प्यार उन्ही से करते हैं हम।
पर हमने सुना है बहुत चाहने के बाद भी,
बेदर्द हो जाते हैं सनम।
182 20 April 1990
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