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Friday, 19 December 2025

3328 दोहे (जीवन)


 धोवे शरीर मल मल के, मन का करे न ध्यान।

धोले पहले आत्मा, फिर कर गंगा स्नान।


बाणी तेरी शूल सी, घोर करे आघात।

कर ले इसको फूल सी, फिर करना तू बात।


करता जिसको साफ तू, वह यहीं जल जाय।

कर सकता तो साफ कर, जल न जो कभी पाय।


मन में रखता द्वेष तू, भगतन भेस बनाय।

मन का मैला धोय ले, स्वर्ग खुदी मिल जाय।


राम नाम हर पल जपे, चुगली करे अपार। 

ऐसे कैसे तू बता, होगा बेड़ा पार।

10.45am 16 Dec 2025

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