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Sunday, 22 December 2019

P1137 रंग बदलते मौसम (सर्दी और धुंध का बसेरा)

सर्दी के मौसम ने ऐसा घेरा है।
हर तरफ धुंध का बसेरा  है।

 कुछ नजर दूर तक   आता नहीं।
ठंड में आदमी काम कर पाता नहीं।

बाँध के बैठा है, बस हाथ पाँव।
हर आदमी का यही हाल क्या शहर क्या गाँव।

कब ठिठुरन होगी कम, बैठा है इंतजार में ।
देख रहा है रंग बदलते मौसम के, इस संसार में।

पतझड़ सावन यह संसार , गर्मी सर्दी मौसम चार।
 रंग बदलते मौसम के हरदम रहती नहीं बहार।
9.07pm 22Dec 2019

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