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Wednesday, 26 December 2018

779 तस्वीरें(Tasveeren)

तस्वीरें जो बोलती तो ना जाने क्या होता।
यह देती जो गवाही, तो हर शख्स गुनाहगार होता है।

टंगी रहती हैं दीवारों पर यूं ही चुपचाप।
अगर खोल देती जुबान, तो न जाने क्या होता।

 होते रहते हैं  गुनाह , उनके सामने।
 अगर गवाही दे पाती, तो कोई ना बचा होता है।

मासूम सी टंगी रहती है दीवारों पर।
 जो पूछते इनसे, शायद कुछ तो बयां किया होता।

 कोई खून के धब्बे ,किसी के गुस्से की लकीरें।
जो समझ पाते ,तो कोई भी मुजरिम ना बचा होता।
779 5.33pm 26 Dec 2018

Tasveerein Jo Bolti Tu Na Jaane Kya Hota.
Yeh Deti Jo Gawahi ,To Har shaks gunagaar Hota.

 Tangi Rehti Hain deewaron par Yuhi chup chap.
Agar Khol deti Zubaan ,Tu Na Jane Kya Hota.

Hote Rehte Hain Guaah UnKe Samne.
Agar Gawahi De Paati Tuo, Koi Na bacha Hota.

Masoom Si Tangi rehti hai deewaron par.
Jo poochte Inse Shayad Kuch To Bayan Kiya Hota.


Koi Khoon ke dhabbe ,kisi ke gusse ki lakeeren.
 Jo samajh Pate to koi bhi Mujrim na bacha Hota.

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