क्यों है तन्हा यहां हर कोई अपने आप में।
क्यों है खोया हर कोई गहरे जज्बात में।
क्यों नहीं सोचता वह आस-पास को,
क्यों खोया रहता है अपने ही ख्वाब में।
सोच बदले तो शायद, बात भी बदले।
निकले अपने आप से, तो शायद आसपास बदले।
यू रहेगा जो अपने आप में ही गुम,
तो कैसे जाएंगे यह जज्बात बदले।
क्यों नहीं आता बाहर यह खुद से।
क्यों खो गया है अपने में ही डूब के।
निकले जो अपने आप से, तो शायद आसपास बदले।
रह पाए तभी शायद खुशी में डूब के।
4.25pm 30 Dec 2018 Sunday
Kyu Hai Tanha ,Yahan Har Koi, apne aap mein.
Kyu hai khoya ,Har Koi ,Gehre Zajbaat mein.
Kyu nahi Sochta Hai ,Veh Aas Paas ko.
Kyu Khoya Rehta Hai ,apne Hi Khwab Mein.
Soch Badle to Shayad baat bhi Badle.
Nikle apne aap se toh Shayad aaspaas Badle.
You Rahega Jo apne aap Mein Hi Gum.
To Kaise Jayenge Yeh Jazbaat ,halaat Badle.
Kyon nahi aata Bahar ye Khud Se.
Kyu Kho Gaya Hai Apne Me hi Doob Ke.
Nikle jo apne aap Se to Shayad aaspaas Badle.
Reh Pae Tabhi Shayad Khushi Mein Doob Ke.
क्यों है खोया हर कोई गहरे जज्बात में।
क्यों नहीं सोचता वह आस-पास को,
क्यों खोया रहता है अपने ही ख्वाब में।
सोच बदले तो शायद, बात भी बदले।
निकले अपने आप से, तो शायद आसपास बदले।
यू रहेगा जो अपने आप में ही गुम,
तो कैसे जाएंगे यह जज्बात बदले।
क्यों नहीं आता बाहर यह खुद से।
क्यों खो गया है अपने में ही डूब के।
निकले जो अपने आप से, तो शायद आसपास बदले।
रह पाए तभी शायद खुशी में डूब के।
4.25pm 30 Dec 2018 Sunday
Kyu Hai Tanha ,Yahan Har Koi, apne aap mein.
Kyu hai khoya ,Har Koi ,Gehre Zajbaat mein.
Kyu nahi Sochta Hai ,Veh Aas Paas ko.
Kyu Khoya Rehta Hai ,apne Hi Khwab Mein.
Soch Badle to Shayad baat bhi Badle.
Nikle apne aap se toh Shayad aaspaas Badle.
You Rahega Jo apne aap Mein Hi Gum.
To Kaise Jayenge Yeh Jazbaat ,halaat Badle.
Kyon nahi aata Bahar ye Khud Se.
Kyu Kho Gaya Hai Apne Me hi Doob Ke.
Nikle jo apne aap Se to Shayad aaspaas Badle.
Reh Pae Tabhi Shayad Khushi Mein Doob Ke.
2 comments:
बहुत ही अच्छे शब्दों में आपने बयान किया है,आज की सच्चाई है
बहुत ही अच्छा आपने आज के हकीकत के बारे में बयां किया है
Post a Comment