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Saturday, 2 February 2019

816 धड़कने बेताब हैं(Dhadkane Betaab hain)

धड़कने बेताब हैं।
सजन से मिलन की आस है।
बेचैनियां बढ़ रही हैं।
लगता है वो पास है।

धड़कने  बेताब है।
जग रही अब प्यास है।
मिल जाए  जो वो तो।
तो जिंदगी आबाद है।

धड़कने बेताब हैं।
ये जैसे कोई साज़ है।
ये है एक राग सा।
तू इसकी आवाज है।

धड़कने बेताब है।
अब मिलन की प्यास है।
आजा आ कर मिल।
तभी बुझेगी प्यास ये।
4.30pm 2Feb 2019

Dhadkane Betaab hain.
Sajan Se Milan Ki Aas hai.
Bechainiya bad rahi hain.
Lagta hai woh Paas Hai.

Dhadkane Betaab hain.
Jag rahi Ab Pyaas hai.
Mil Jaye jo Vo tou.
 Tuo Zindagi aabad Hai.

Dhadkane Betaab hain.
Ye Jaise koi Saaz Hain.
 Yeh Hai Ek Raag sa.
Tu Iss ki awaaz hai.

Dhadkane Betaab hain. 
Ab Milan Ki Pyas hai.
Aaja Aake mil.
 Tabhi Bujhe gi Pyas Ye. 

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