Followers

Tuesday, 24 January 2017

K3 00150 तू आए ,..न आए तो क्या (Tu Aaye ...Na Aaye To Kya)

मैं रोऊँ तो क्या है, मेरा दिल रोए तो क्या ।
चाहत मेरी रोए तो क्या है ,तुझे कोई ओर चाहे तो क्या ।
तुमने न जाना मेरा गम, जमाना न जाने तो क्या ।
ज़ख्म तू देती रही मुझे, ठेस जमाना लगाए भी तो क्या ।
आ जा... मैं बुलाता रहा तुझे ,
तू आए ,..न आए तो क्या ।
काँटे चुभे मेरे तन में ,तू मरहम न लगाए तो क्या ।
आग लगी मेरे मन में ,तू आ के न बुझाए तो क्या ।
अब तो खाक ही बाकी है ,
तू गंगा में इसे न भी बहाये  तो क्या।
11jan 1990 ,. 150
Main roun toh kya ,
mera dil roye to kya .
Chahat meri roi Toh Kya hai.
Tuje Koi Aur Chahe to kya .
Tune Na Jana Mera Gum ,
Zamana Na Jane To Kya .
Jkhum tu deti rahi Mujhe ,
Thes jamana lgae b to kya.
Aa jaa...Mein Bulata raha Tujhe,
 Tu Aaye ...Na Aaye To Kya .
Kaante chubhe Mere Tan Mein,
Tu marham Na Lagae tuo kya .
Aag Lag i Mere Man me ,
Tu aa k na bhujaye  to Kya.
 ab toh khak hi baki hai ,
Tu na Ganga Mein ise bhaye Bhi To Kya.

No comments: