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Friday, 10 March 2017

K020 राहें (Rahen)

जिंदगी की राहों में कहां तक तुम यूं ही चलते रहोगे,
वक्त के आगे न जाने कब रुकना पड़ जाए, तो क्या तुम नहीं झुकोगे।
1.जिंदगी में प्यार की राहें अजब है,
 संभल कर चलना तुम्हें अब है।
ठोकर जो लग जाए,
 तो क्या तुम नहीं गिरोगे।
वक्त के आगे ना जाने .......
जिंदगी की राहों में ....।।।
2.साथ हो अगर साथी कोई मन चाहा ,
तो कट जाते हैं रास्ते।
सफर जिंदगी का तय हो रहा हो,
 चाहे किसी के भी वास्ते।
मनचाहा अगर साथी कोई मिल जाए ,
तो क्या तुम नहीं चलोगे।
जिंदगी की राहों में..।।।।
वक्त के आगे ना जाने....।।।
3.राहों में आएंगी मंजिले नये दौर की नई नई,
मन ललचा जाएगा ,
कदम रुकना चाहेंगे ऐसी हैं मंजिलें कई।
अगर रास्ता रोक ले ऐसी ही दास्तां कोई,
 तो क्या तुम नहीं रुकोगे।
जिंदगी की राह में.........।।।
वक्त के आगे......।।।
20  23May 1987
Rahen
Zindagi Ki Raah Mein kahan tak tum Yuhi Chalte Raho Ge,
Waqt Ke Aage Na Jane Kab jhukna Na Pad Jaye ,
Toh Kya Tum Nahi jhukoge.
1.Zindagi Mein Pyar Ki Rahain Ajab Hai
Sambhal kar Chalna Tumhe ab Hai.
Thokar Jo Lag Jaye to kya tum nahi giroge.
Zindagi Ki Raah.....
Vakt ke aage Na Jaane...
2.Saath Ho Agar Saathi Koi Mann Chaha to cut Jaate Hain Raaste.
Safar zindagi ka  ho chahe  Kisi K Bhi Vaste.
Man chaha Agar Saathi Koi Mil Jaye,
 To Kya Tum Nahi Chloge.
 Jindgi Ki Raah Mein....
Wakt ke aage....
3.Rahon Mein aayengi Manzil naye dour ki nai nai.
Man lalCha Jayega Kadam rukna chahenge Aisi Hai Manzile kai.
Agar Rasta rok Le Assy Hi daastan Koi,
To Kya Tum n hi ruKoge
Zindagi Ki Raah....
Vakt ke aage....

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