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Thursday, 16 March 2017

K2 0096 नाज़ुक दिल (Nazuk Dil)

1.नाजु़क है चीज़ जरा संभल के,
बड़ी मुश्किल से जोड़े हैं टुकडे़ ये दिल के।
तुम चाहो तो ये यूंँ ही रहेगा।
पता पा लेंगे मिलकर हम , अपनी मंजिल का।
2. आज कल अजीब दिशा है पतझड़ की ,
जिद ही पकड़ ली है न जाने की।
न जाने क्या रजा़ है इसमें जमाने की।
जो बहारों ने भी रीति अपना ली है, न आने की।
3.अगर तुम चाहो तो इसे अपने से जुदा कर देना।
फेंको जो इसे किसी फर्श पर ,तो जरा याद कर लेना।
टुकड़े जो हों दिल के ,तो पता देना।
इस के टूटने के साथ, हमें न भुला देना।
96 23 Sept 1989
Pata dena
Nazuk Hai cheeze Zara Sambhal Ke
Badi Mushkil se jode hai ye Tukde Dil Ke
Tum Chaho Tu ye Yun Hi Rahega.
Pata pa lenge Hum milke apni Manzil ka .
2.Aaj kal Ajeeb Disha Hai PattJad ki.
Zidd hi pakad Li Hai Na Jaane Ki.
Na Jaane, Kya Rza Hai Is Mein Zamane Ki.
Jo Baharon ne bhe reety Apna li hai ,na Aane Ki.
3.Agar tum Chaho to ise apne Se Juda kar dena.
Fanco Joe iSe Kisi phrsh per to Zara Yaad kar lena.
Tookode jo hon dil ke toh pata dena
ISKe tootne ke sath Hame na Bhula Dena.

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