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Wednesday, 1 March 2017

K1 0011 अपने पराए (Apne Paraye)

तुम यूं ही बैठी हो नजरें झुकाए,
या कोई गम है।
क्या अब अपने भी हो गए हैं पराए।
1.अकेले में तो, दम घुटता होगा।
तन्हा बैठे हुए यूं ही ,मन लुटता होगा।
क्या तुम बैठी रहोगी यूं ही दामन बिछाए।
क्या  अब अपने भी हो गए हैं पराए
2.कोई साथी ढूंढ लो अपना।
यू चुपचाप क्यों बैठे हो।
सजा लो कोई सुंदर सा सपना।
क्या यूं ही बैठी रहोगी नैन झुकाए।
क्या अब अपने भी हो गए हैं पराए।
3.आँखें, क्या हैं ,आँसू बहाने के लिए।
यह तो हैं, आँखों ही आँखों में
किसी को दिल में बसाने के लिए।
क्या बैठी रहोगी उम्र भर सबसे नजरें बचाए।
क्या आप अपने भी हो गए हैं पराए।
11.     1986
Apne Paraye
Tum Yuhi bethi ho Nazren Jukaye .
ya Koi Gum Hai.
Kya ab apne bhi ho gaye hain parai.
1. Akele Mein To Dum ghut-ta hoga
Tanha bethe Hue youn He Man lut-ta hoga.
Kya tum Baithi Raho gi yu Hi damman bichaye.
Kya ab apne bhi ho gaye hai Paraye
2.Koi Sathi Ab dund lo apna
Yun Chup Chap Kyun baithe ho
Sajja lo Koi sundar sa Sapna.
Kya Yunhi Baithi Raho gi nain jhukai.
Kya ab apne bhi ho gaye hai Parayi.
3.Aankhen kya hai Aansu Bahane ke liye.
Ye Tu Hain, Ankhon hi Ankhon Mein Kisi ko dil main basaane ke liye.
Kya Yunhi Umr Bhar Baithi Raho gi sabse Nazre bachaye
Kya ab apn e bhi ho gaye hain Paraye

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