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Thursday, 30 November 2017

383 बेरुखी का सबब हम तो नहीं (Berukhi ka sabab Hum to Nahin)

इस महफिल में उनकी बेरुखी का सबब कहीं हम तो नहीं।
खामोशी छाई हुई है चेहरे पर,कहीं कोई गम तो नहीं।
अंदाज़ भी बदल गए हैं अब, वो यहां तंग तो नहीं।
 खुले दिल वालों में गिनती है उनकी, कहीं वो दिल के तंग तो नहीं।
छवि हमारी देखकर घबरा तो नहीं गए ,हरे हो उठे कहीं जख्म तो नहीं।
 ख्वाहिशें कभी पूरी नहीं होती, पूरी कर लें वो ऐसे काबिल तो नहीं।
बेरुखी न जाने कैसे मिटेगी, कोशिश हमने भी की कोई कम तो नहीं।
चले जाते हैं महफिल से यही एक रास्ता है।
इस महफिल में उनकी बेरुखी का सबब शायद हम तो नहीं (ही थे)।

383 11Oct 1992

Is Mehfil Mein Unki berukhi Ka sabab kahin Hum To Nahi.
 Khamoshi Chai Hui Hai Chehre Par ,Kahin Koi Gham To Nahi.
Andaaz bhi Badal Gaye Hain ab ,wo Yahan Tang To Nahi.
Khule Dil Walo Mein ginti Hai Unki ,kahin vo Dil Ki Tang To Nahi.
Chavy Hamari Dekh Ke Ghbra to nahi gaye, Hre ho Uthe Kahin zakham to Nahi.
Khwahishen Kabhi Puri nahi hoti, Puri Karle Woh Aise Kabil to nahi.
Berukhi Na Jaane Kaise mitegi, koshish Humne Bhi ki koi kaam To Nahi.
Chale Jate Hain Mehfil Se Yehi Ek Raasta Hai.
Is Mehfil Mein Unki berukhi ka sabab Shayad Hum to Nahin( Hai the).

Wednesday, 29 November 2017

382 चोट खाए बैठे हैं (Chot Khae Baithe Hain)

पहले ही चोट खाए बैठे हैं।
और क्यों जख्म देते हो।।
नहीं हो तुम मेरे ,तो कह दो।
क्यों अपना होने का भरम देते हो।।
पहले ही किस कदर परेशान हैं हम।
क्यों जलते शोलों को हवा देते हो।।
तमन्ना ना थी किसी को अपनाने की,
फिर भी तुम्हारे हो गए।
क्यों अब दिल लेके दगा देते हो।।
382  8 Oct 1992
Pahale Hi Chot Khae Baithe Hain.
Or Kyon zakham dete Ho.
Nahi ho tum mere Toh Keh do.
Kyun Apna hone ka Bharam dete Ho.
Pehle Hi Kis Kadar Pareshan Hain Hum.
Kyun Jalte Sholon Ko Hawa dete Ho.
Tamanna Naa thi Kisi Ko Apnane ki.
Phir Bhi Tumhare Ho Gaye.
Kyun Ab Dil Leke Dga dete Ho.

Tuesday, 28 November 2017

381 कांधे (Kandhe)

कांधे नहीं मिलते हैं मुझे, वो जिन पर सर रखकर मैं रो तो  लूं।
ख्वाब नहीं सजते ऐसे जीन्हें सजा कि मैं जरा सो तो लूं।
तन्हा हो गया हूं ,बुला लो मुझे, मैं जरा बोल तो लूं।
सोचता ही रहता हूं बस, क्या सोचता हूं ,ये तुझे सुना तो दूँ।
हाल जान यूं तेरा में हाल अपना तुझे मैं बता तो दूं।
तड़प तेरी भी अपनी सी जान कर अपने दिल को बहला तो लूं।
381 7 Oct 1992
Kandhe nahin Milte Hain Mujhe, wo Jin pe Sar Rakh ke Meru Ro Tuo loon.
Khaab Nahi Sajte Aise Jinhain saja ke Mein Zara So Tuo Loon.
Tanha ho gaya hoon, bula lo Mujhe Mein Zara bol To Loon.
Sochta hi rehta hoon bas, kya Sochta Hu Tujhe Suna to doon.
Haal Jaan Loon Tera main, Haal Apna Tujhe Main Bata Tou Doon .
Tadap Teri bhi apni Si Jaan Kar ,apne dil ko Behla tou Loon.

Monday, 27 November 2017

380 काबिल ही नहीं (Kabil hi nahi)

काबिल ही नहीं हो तुम किसी के प्यार के।
छोड़ कर चल दिए किसी को मझधार में।
किसी ने ढूंढा था तुममें सहारा अपना।
कोई खड़ा था तुम्हारे इंतजार में।
तुम रुखसत हो लिए अपना मजा लूट कर।
आएगी पतझड़, यह भी ना सोचा बाहर में।
फूल जब झड़ेंगे तो आएगा होश,
तब क्या हो ,जब फिर कश्ती ही ना हो गी हाथ में।
निकल जाएंगे सब आगे तुम्हें छोड़ कर।
आज ठुकराते हो तुम,
कल कोई भी ना होगा तुम्हारे साथ में।
380  30 Sept 1992
Kabil hi nahi ho tum Kisi Ke Pyar Ke.
Chod Kar Chal Diye Kisi Ko majhdhar mein.
Kisi Ne dunda tha tum mein Sahara apna.
Koi Khada tha Tumhare Intezaar mein.
Tum Rookhsat Ho Liye Apna Maza loot kar.
Aayegi PatJhad ye bhi Socha Bahar Mein.
Phool Jab jadenge to aayega Hosh.
Tab Kya Ho Jab phir kashti hi na Hogi Haath Mein.
Nikal Jayenge Sab Aage Tumhe Chhod Kar.
Aaj Thukrate Ho Tum,
Kal Koi Bhi Na Hoga tumhare saath mein.

Sunday, 26 November 2017

379 प्यार के काबिल (Pyar Ke Kabil)

तुम नहीं थे मेरे प्यार के काबिल।
तभी तो यूँ खो दिया मुझे।
जो ना दे सके प्यार के बदले में प्यार।
फिर क्यों  चाहें हम उसे।
तड़पोगे तुम एक दिन मुझे यूँ खो के।
रह भी नहीं पाओगे तुम किसी के हो के।
दीया है जैसे तुमने मुझे दगा।
यूं ही दे जाएंगे तुम्हें अपने धोखे।
अब ना आ पाओगे कभी तुम हमारे करीब।
बंद कर दिए हैं हमने रोशनी के सब झरोखे।
अभी तो तुमने पाया ही पाया है जिंदगी में।
ये एहसास तुम्हें तब होगा, जब,
चले जाएंगे तुम्हारे अपने, तुम्हें छोड़ के।
तब याद आयेगी हमारी।
सोचोगे तुम कि काश वो दिन आज होते।
तो हम खून के आँसू यूँ ना रोते।
379 30Sept 1992


Tum nahi the Mere Pyar Ke Kabil.
Tabhi Toh Yun Kho Diya Mujhe.
Jo Na De sake Pyar Ke Badle Me Pyar.
Phir Kyun Chahen Hum Use.
Tadapoge Tum Ek Din Mujhe yun kho k .
Reh bhi nahi paogi Tum Kisi Ke Ho k.
Diya Hai Jo tumne mujhe Daga.
Yun hi De Jayenge Tumhe Apne Dhoke.
Ab Na Aaoge Kabhi Tum Hamare Kareeb.
Band Kar Diye Hain Humne Roshni Ke Sab Jharokhe.
Abhi toh Tumne Paya Hi Paya Hai Zindagi Mein.
Yeh Ehsaas Tumhe Tab Hoga, Jab,
Chale jayenge Tumhare Apne Tumhe Chhod Ke.
Tab Yaad Aayegi Hamari.
Sochoge Tum ki Kaash Woh Din Aaj Hote.
To hum Khoon ke Aansu Yun na Rote

Saturday, 25 November 2017

378 आदत हो गई है (Aadat Ho Gayi Hai )

हर एक जख्म दफन कर लूंगा मैं अपने सीने में।
कह डालो तुम,
आदत ही हो गई है अब मुझे गम पीने की।
सहता ही रहता हूं मैं तीर तेरी जुबान के।
आदत ही हो गई है अब मुझे यूं जीने की।
लहू का रंग ही भाता है मुझे अब।
चाहत ही नहीं होती मुझे अब जख्म सीने की।
378 25 Sept 1992
Her Ik Zakhm Dafan Kar Loonga Main Apne Seene Mein Keh Dalo Tum.
Aadat hi Ho Gayi Hai Ab Mujhe Gham Peene ki.
Sehta Hi Rehta Hoon Main Teer Teri Zubaan ke.
Aadat Hi Ho Gayi Hai Ab Mujhe you Jeene Ki.
Lahu Ka Rang Hi Bhata Hai Mujhe ab.
Chahat hi nahi hoti hai mujhe ab Zakhm Seene Ki.

Friday, 24 November 2017

377 अश्क (Ashk)

अश्कों को बाहर निकालना चाहता हूं मैं।
मुझे वज़ह समझ नहीं आती है।
मदहोश होना चाहता हूं मैं।
दुनिया मुझे छोटी नजर आती है।
सोचता हूं जब इसको गहराई से,
धड़कन मेरी रुक जाती है।
कैसे निकालूं मैं इसे और किसके सहारे।
कांधे जो सहारा दें मुझे,
यह उम्मीद मुझे नजर नहीं आती है।
आंधी और तूफान को रोकना चाहता हूं।
तरकीब नजर नहीं आती है।
काश ! मैं होश खो बैठूँ यूं ही।
तकलीफ अब और सही नहीं जाती है।
377 24 Sept 1992
Ashko ko Bahar nikalna Chahta Hoon Main.
Mujhe wajeh samajh nahi aati hai.
Madhosh Hona Chahta Hoon Main.
Duniya Mujhe Jhoothi Nazar Aati Hai.
Sochta Hoon jab isko Gehraai se,
 Dhadkan Meri ruk Jati Hai.
Kaise nikaloo  Main Ise Aur kiske Sahare.
Kandhe vo Sahara Den Mujhe, Yeh Umeed Mujhe Nazar Nahi Aati Hai.
Aandhi Aur Toofan ko rokna Chahta Hoon.,
 Tarkeeb Nazar Nahi Aati Hai.
Kaash main Hosh Kho Baithoon Yunhi .
Takleef ab aur Sahi Nahi Jati Hai.

Thursday, 23 November 2017

376 एक शब्द (Ek Shabd)

एक शब्द होठों से उनके निकला और मुझे बेचैन कर दिया।
खुशी से जी रहे थे हम ,और हमें गमगीन कर गया।
अंदाज़ उनका बदला तो हम भी कुछ समझ गए।
हंसते हुए माहौल में उनका कहना जहरीला तीर बन गया।
काश! यूँ न जाते हम उनकी महफिल में।
सुनते ना वो शब्द जो इस कदर हमारा दिल चीर कर गया।
376 24 Sept 1992
Ek Shabd honton se unke nikala aur Mujhe Bechain Kar Diya..
Khushi Se Jee rahe the Hum Aur Humme gumgeen Kar Gaya.
Andaaz Ka Badla to hum bhi kuch samajh Gaye.
Hanste Huye mahaul Mein Unka Kehna Jehreela Teer ban gaya.
Kaash ! Yun Na Jate Hum Unki Mehfil Mein.
Sunte Na Shabd Jo Is Kadar Hamara Dil chir Kar Gaya.

Wednesday, 22 November 2017

375 हमारी खता (Hamari Khata)

खता हम करें तो खाता है।
खता वो करें तो अदा है।
हम जो चाहें उनको तो वो हवस है।
वह जो चाहें उनको तो प्यार है।
चाहूँ जो मैं उन्हें, तो हमारी गरज़ है।
चाहें जो वो, तो ये उनकी वफा़ है।
उनकी हर अदा को वफा का नाम देते हैं वो।
हमारी वफ़ा भी उनके लिए जफा़ है।
काश ! वो भी समझ पाते मेरे इस दिल को।
जो कब से उन पर यूं मिटा है।
कह देते हमसे वो बेहिचक आकर।
दिल में जो उनके, मेरे लिए जो गिला है।
फिर यूँ तो ना मिलता फिर ये गम,
जो हमें उनकी बेरुखी से मिला है।
375 24Sept 1992
Khata hum kare toh khata hai.
Khata Vo Karen Tu Aada Hai.
 Hum jo chahe unko to vo Hawas hai.
Wo jo chahe unko Tu Pyar Hai.
Chahun Jo main tumhe toh Hamari garage hai.
Chahe Jo Vo Toh Yeh Un ki Wafa.
Unki Har Ada Ko Wafa Ka naam date hai woh.
Hamari Wafa bhi unke liye zfa Hai.
Kaash ! woh bhi samajh Pate Mere Is Dil Ko.
Jo kab se un par youn meeta Hai.
Keh Det Humse Vo behichuck Aakar.
Dil Mein Jo unke Mere Liye Gila Hai.
Yun to na Milta Phir Ye Gham.
Jo Hume unkey berukhi Se Mila Hai.

Tuesday, 21 November 2017

374 हसरतें (Hasratein)

हसरतें यूं तो निकल ना सकी कभी मेरी।
पर सब हसरतें  निकल गई जो पास तू है।
हर वक्त उलझनों ही में रहता था मैं।
पर अब हर उलझनों से आज़ाद हूं मैं।
महसूस यही करता था मैं कि मैं तनहां हूँ।
पर अब तो मेरे हर तरफ बहार ही बहार है।
बेचैन कर दिया था मुझे जिंदगी ने मेरी।
तेरे आने से मेरी जिंदगी में करार ही करार है।
374 4 Sept 1992


Husrteyn Yun Toh Nikal Na Sakhi Meri.
Sab hasratein nikal Gayi Jo Paas To Hai.
Har Waqt Uljhnon he Me rehta tha Main.
Par ab her Uljhnonl se Azaad Hoon Main.
Mehsoos Yahi Karta Tha Mai ki mai Tanha Hoon.
Par Ab To Mere Har Taraf Bahar hi Bahar hai.
Bechain kar diya tha Mujhe Zindagi Ne Meri.
Tere Aane Se Meri Zindagi Mein Karar Hi Karar hai.

Monday, 20 November 2017

373 सोचा ना था (Socha Na Tha )

सोचा ना था हमने वो हमसे यूं मिलेंगे।
शिकवे जो थे उनसे, वो दूर करेंगे।
जो सोचा था वो यूं बदल जाएगा।
उनके साथ हर लम्हा ,नया एहसास कराएगा।
जो दिन बीत वह बीत गया, अब।
हर नया दिन, नई बहार लाएगा।
होंगी अब नयी बातें ,नये अरमान सजेंगे।
मेरी तनहाई मे यह नया रंग भरेंगे।
रंगीन हो जाएगा हर कोना मेरी जिंदगी का।
अब दूर नहीं वो दिन खुशी का।
373  4 Sept 1992
Socha Na Tha Humne wo Humse Yun Milenge.
Shikwe Jo the Unse Vo Dur Karenge.
Jo Socha Tha WoYun Badal Jayega.
Unke Saath Har Lamha naya Ehsaas Karaega.
Jo d in beeta Woh Beet Gaya, ab.
Har Naya Din Nayi Bahar Laayga.
Hongi ab nai baaten, naye armaan sakenge.
Meri Tanhai Mein ye Nya Rang bharenge.
Rangeen Ho Jayega Har Kona Meri Zindagi Ka.
Ab dur Nahin Woh Din Khushi Ka.

Sunday, 19 November 2017

372 कशमकश ( KashmKash )

इक कशमकश में हूँ मैं।
नहीं जान पाता हूं,
अपने में हूं ,या किसी के वश में हूं मैं।
बात क्यों माने जा रहा हूं उसकी।
कहां गई वो बात मेरे मन में जो थी।
सोचा भी ना कि क्या किए जा रहा हूं।
अपने को अपने से जुदा किए जा रहा हूं।
अंजाम का भी ना सोचा आगाज़ जो ये है।
क्या होगा आगे हाल, आज जो यह है।
तड़प ना मिले, फिर एक बार यूं चल के।
चल ना दे वो कहीं साथ छोड़ रास्ता बदल के।
372 14 Aug 1992
Ik KashmKash Me Hoon Main.
Nahi Jaan Pata Hoon,
Apne mai hu ya Kisi Ke Vash Mein Hoon Main.
Baat Kyun Maane jaa raha hoon uski.
Kahan gayi wo Baat mere man mein Jo thi.
Socha bhi na ki kya Kiye Ja Raha Hoon.
Apne Ko Apne Se Juda Kiye Ja Raha Hoon.
Anjaam Ka bhi Na Socha Aagaaz Jo Yeh hai.
Kya Hoga Aage Haal Aaj Jao Yeh hai.
Tadap Na Mile Phir Ik Baar Yun  Chal Ke.
Chal na De vo kahin sath Choda Rasta Badal ke.

Saturday, 18 November 2017

371 मेरी वफ़ा भी रंग लाएगी ( Meri Wafa bhi Rang layegi)

हंस ले वह सि्तमगर तू अपनी बेवफाई पे।
रोना आएगा तुम्हें जब मेरी वफाएं याद आएंगी।
हंस लो तुम अपने तराने पर फसाने पर।
रोना आएगा जब हमारी याद आएगी।
झूमो खुशी में आज तुम मुझे नजरअंदाज कर।
वक़्त गुजरेगा तड़पोगे तुम जब हमारी याद सताएगी।
बेवफाई तेरी रंग अपना दिखाती है मुझे।
वक़्त गुजरेगा देखना, मेरी वफ़ा भी रंग लाएगी।
371 11Aug 1992
Has Le O Sitamgar to aapni Bewafai pay.
Rona aayega Tumhe Jab Meri Wafa Yaad Aayegi.
Has Lo Tum Apne tarane per phsane per.
Rona aayega Jab Hamari Yaad Aayegi.
Jhumo Khushi Mein Aaj tum mujhe Nazar Andaz kar.
Waqt Guzarega Tadpoge Tum Hamari Yaad Jab Satayegi.
Bewafai Teri Rang Apna dikhati Hai Mujhe.
Waqt guzrega, dekhna Meri Wafa bhi Rang layegi.

Friday, 17 November 2017

370 तेरे सित्म (Tere Sitam)

मेरा दर्द ना समझे तू,
मैं तो समझता हूं तेरे सित्म।
राह जुदा करके तूने,
भर दिए मेरी राहों में गम।
वक्त को समझ ओ सित्मगर,
टूट जाएगा वक़्त के साथ तेरा ये भरम।
अश्कों को मैं तो समेट लूंगा,
मगर, तुम कैसे बुझाओगे लगेगी जो अग्न।
शाम होगी मेरा ख्याल आएगा,
वक्त के साथ फिर हरे होंगे हर जख्म।
प्यार करके जो ठुकराया तूने हमें,
कोई यूं ठुकराए तुझे भी बना के अपना सनम।
370 11 Aug 1992
Mera Dard Na Samjhe tu,
Main Toh samajhta Hoon Tere Sitam.
Raah Juda Karke tune,
Bhar Diye Meri Rahon Mein Ghum.
Waqt Ko samajh O Sitamgar,
Toot Jayega Waqt Ke Sath Tera ye Bharam.
Ashko Ko Main Toh Sumet Loonga,
Magar ,Tum kaise BhuJao Ge Lage Gi Joe Agan.
Shaam Hogi Mera Khayal aayega,
Waqt Ke Sath Phir Hare Honge Har Zakhm.
Pyaar Karke Jo Thukaraya Tumne Hame
Koi Yun Thukraaye Tujhe Bhi Bana Ke Apna Sanam.

Thursday, 16 November 2017

369 गैर कब अपने हुए हैं (Gair Kab Apne Hue Hain )

सबको अपना ना समझ तू।
सबको अपना समझने वाले।
गैर हैं वह जिन्हें तू अपना समझता है।
वह नहीं है तेरी पहचान वाले।
कितनी भी लुटा खुशियां तू उन पर।
वह नहीं है यूं बदलने वाले।
चाहत को अपनी तू दबा दे।
वो नहीं है तेरी तड़प को समझने वाले।
इशारों में वो अपनों से बात करते हैं।
बात तेरे खिलाफ है तो क्या हुआ।
यह ना सोच वो तेरे हैं। फिर,
बेगाने कब होते हैं गैरों पर मरने वाले
369  10Aug 1992
Sab Ko Apna Na Samajh tu,
Sab Ko Apna samajhne wale.
Gair Hain Vo Jeenhain tu Chahta Hai.
Woh nahi hai teri Pehchan wale.
Kitni hai Lutaa Khushiyan tu Un pe.
Woh nahi hain Yun badalne wale.
Chahat ko apni tu daba De.
Woh nahi hai teri Tadap samajhne wale.
Ishaaron Mein Woh Apno se baat karte hain.
Baat tere khilaf Hai To Kya Hua.
Ye na Soch Vo Tere Hain.
 Phir,
Begane kab hote hain gairon Pe Marne Wale.


Wednesday, 15 November 2017

368 तेरी चाहत (Teri Chaahatt)

कितना रुलाती है तेरी चाहत मुझे।
हम मिले ही नहीं वरना,
यादें मुझे और रुलाती।
तेरी वो अनदेखी सूरत कितना सताती है मुझे।
अगर सूरत देखी होती तो कितना सताती।
आईना देखते हैं तो सूरत अपनी नहीं दिखती।
एक धुंधली तस्वीर नजर आती  है।
जो बहुत तड़पाती है मुझे।
मिल क्यों नहीं जाते मुझे।
साथ तुम्हारा होता तो सह लेते हम,
यह तड़प जो रात-दिन रुलाती है मुझे।
368 25 July 1992

Kitna Rulati Hai Teri Chahat Mujhe.
Hum Mile hi nahi, Warna,
Yaadein Mujhe aur rulati.
Teri Vo Un Dekhi Surat Kitna Satati Hai Mujhe.
Agar Surat Dekhi hoti toh Kitna Satati.
Aaina dekhte hain to Surat apni nahi dikhti.
Ek dhundli Tasveer Nazar Aati Hai.
Jo mujhe bahut Tadpati hai.
Mil kyun nahi Jate Mujhe.
Saath Tumhara Hota toh,
 Seh late Hum,Yeh Tadap,
 Jo raat din Satati Hai Mujhe.


Tuesday, 14 November 2017

367 तुम्हें फुर्सत नहीं (Tumhe phursat nahi.)

तड़पे मेरा दिल तो क्या तुम्हे तो फुर्सत नहीं।
  मोहब्बत हमें हैं तो क्या तुम्हें  तो मोहब्बत नहीं।
जान जाती है हमारी तो जाए तुम्हें गम नहीं।
खबर ले जाएं हमारी इतना भी तुम्हें वक्त नहीं।
वीरान हो भी मेरी जिंदगी तो क्या।
फूल खिले हमारी जिंदगी में यह इजा़जत नहीं।
खामोशी से सहे जाएंगे जिंदगी के सि्तम।
 मौत आएगी तो क्या कोई फर्क नहीं ।
तड़पे मेरा दिल तो क्या तुम्हें फुर्सत नहीं । मोहब्बत हमें हैं तो भी क्या तुम्हें तो मोहब्बत नहीं।
367. 24 July 1992
Tadpe Mera Dil Toh Kya tumhe toh Fursat nahi.
Mohabbat Hame hai Bhi Toh Kya tumhe Tu Mohabbat nahi.
Jaan Jati Hai Hamari Tu Jaye Tumhe Gam Nahi.
 khabar  Le Jaye Hamari itna bhi Tumhe Waqt nahi.
Veeran Ho Gayi Meri Zindagi Tu kya.
 Phool Khile Hamari Zindagi Mein yai Ijazat Nahin.
Khamoshi Se Sahe Jayenge Zindagi Ke Sitam.
Maut Aaye bhi toh kya koi farak nahi
Tadpe Mera Dil Toh Kya tumhe phursat nahi.
Mohabbat Hame Hai be Tu Kya tumhe Tu Mohabbat nahi.

Monday, 13 November 2017

K366 English Poem our friendship ( आवर फ्रेंडशिप )

I don't know from which part of my heart I like you.
I ever think of you and find you always true.
I think about our friendship when it was new.
And also about the time which passes and grew.
I think people like you in the world are a few.
Which are nice like you and remain always True.
To whom they love and praise they sacrifice too.
I will always remember people like meet in the way like you.
366 12May 1991
आई डोंट नो फ्रॉम व्हिच पार्ट ऑफ माय हार्ट आई लाइक यू।
आय एवर थिंक ऑफ यू एंड फाइंड यू ऑलवेज टरु।
आय थींक अबाउट आवर फ्रेंडशिप वैन इट वास न्यू।
एंड आल्सो अबाउट द टाइम विच पासिस ऐड इट गरियू।
आई थिंक पीपल लाइक यू इन द वर्ल्ड आर अ फयू।
विच आर नाइस लाइक यू एंड रिमेंस ऑलवेज टरयू।
टू हूम  दे लव एंड  प्रेज़ दे सैक्रिफाइस टू।
आई विल ऑलवेज रिमेंबर पीपल मीट इन द वे लाइक यू।
366 12 May 1991

Sunday, 12 November 2017

K365 English Poem my heart Deep.(माय हार्ट डीप)

Whenever I go to my heart  Deep.
I never found it weep.
Always I see it is thinking about somebody.
Who is that somebody
This I think know everybody.
Thinking is his hobby.
Where may be he
In the Lodge or in the lobby.
I always try to join it.
But he never see,
Who is standing beside it.
He always go in so deep.
That by standing beside him,
I always get sleep.
In his company I always feel boring
About whom he always think, is only he is caring.
By seeing this I start tearing.
So I want it to give it to somebody,
 and take Heart for myself from somebody.
so that he can think about me and talk with me,
 wherever I go, he always walk with me.
विनेवर आई गो टू माय हार्ट डीप ।
आई नेवर फाउंड इट वीप।
ऑलवेज आई सी,इट इज़ थिंकिंग अबाउट सम बॉडी।
हूं इज़ डेट समबडी।
आई थिंक नो एवरीबॉडी।
थिंकिंग इस हिज़ हाबी।
वेयर में बी ही।
इन द लॉज और इंदा लॉबी।
आई ऑलवेज ट्राई टू ज्वाइन इट।
बट  हीनेवर सी।
हु इज स्टैंडिंग बिसाइड इट ।
ही ऑलवेज गोइंन सो डीप।
डेट बाय स्टैंडिंग बिसाइड हिम।
आई ऑलवेज गेट सलीप।
फ्इन हिज़ कंपनी आई ऑलवेज फील बोरिंग ।
अबाउट तुम ही ऑलवेज ऑलवेज थिंक इज़ ओनली ही इज केरिंग।
बाय सींइग दिस आई सटार्ट टियरिंग।
सो आई वांट इट टू गिव इट टू समबडी।
एंड टेक हॉरट फौर माय सेल्फ फ्रॉम समबडी।
सो दैट ही कैन थिंक अबाउट मी एंड टॉक विद मी।
वेयर एवर  आई कैन गो ही ऑलवेज वाक विद मी।
365  25 Dec 1991

Saturday, 11 November 2017

364 इंतजार (Intezaar)

नज़रें बिछाए बैठे हैं तेरी राहों में हम।
कि कब तुम इधर से गुजरो और हो दीदार।
अश्क आंखों में आके, आंखों में रह जाते हैं।
सहारा जो मिले तुम्हारा तो निकले इनका भी गुबार।
दिखादो झलक तो इक बार कि हम भी आह भरलें।
अब क्यों हैं देर, अब तो हो चुका इकरार।
जान निकली जाती है मेरी यही सोच कर।
कि क्यों है ये बेरुखी, क्यों नहीं है तूम्हें हमसे प्यार।
अब ना सताओ यूँ मुझे दूर दूर रहके।
अगर नहीं है प्यार तुम्हें ,तो एक ही बार कर दो इनकार।
फिर तड़प चाहे हो,पर ना होगा इंतजार।
364 11 Jul 1992
Nzra Bichaye Baithe Rehte hain Teri Raahon Mein Hum.
ki Kab Tum idhar se Guzro Aur Ho Deedar.
Ashq Aankho Me aa ke Aankhon Mein Reh Jaate Hain.
Sahara jo mile Tumhara Tu Nikle in ka bhi Gubaar.
Dikha do Jhalak toh ek baar ki hum bhi Aah Bhar lain.
Ab kyun hai der ,ab to ho chuka iqrar.
Jaan nikal Jati Hai Meri Yahi Soch kar.
Ki Kyon Hai Ye BeRookhi ,Kya Nahin Hai Tumhain Humse Pyar.
Ab Na Bataao Yun Dur Dur Reh Ke,
Agar Nahi Hai Pyar Tumhain, to ek Hi Baar kar do inkaar.
Phir Tadap Chaahe Ho,Par na hoga Intezaar.

Friday, 10 November 2017

363 दिल पे चोट खाए हुए (Dil Pe chot Khaye huye)

सोचते थे हम,हम  उनमें वो हममें थे समाए हुए।
क्या जानते थे कि हम ही हैं उलफत में चोट खाए हुए।
क्या क्या उम्मीद लगा बैठे थे हम यूं ही उनसे।
नहीं जानते थे, वो अपने को हैं खुद में ही रामाए हुए।
सर उठा कर जो देखा तो वो नहीं थे सामने।
हम यूं ही रहे बैठे  सजदे में सर झुकाए हुए।
महफ़िल में तेरी, तेरी चाहत ही खींच लाई थी हमें।
चले आए हम महफिल से तेरी दिल पे चोट खाए हुए।
363 8 July 1992
Sochte The Hum ,Hum Unmain Wo Hum me the Smaaye Hue.
Kya jante the ki Hum Hain Ulfat Mein Chot Khaye huye.
Kya kya Umeed Laga baithe The hum Yuhi Unse.
Nahi Jante The,wo Apne Ko Hain Khud mayHie Ramaaye.
Sar Utha Kar Jo Dekha Toh Woh nahi thi Samne.
Hum yun Hi Baithe rahe Sajde Main Sar BhuJaate Hue.
Mehfil Mein Teri, Teri Chahat Hi kheench Layi Thi Humain.
Chale Aaye Hum Mehfil Se Teri Dil Pe chot Khaye huye.

Thursday, 9 November 2017

362 याद रखो आज (Yaad Rakho Aaj )

क्यों किसी के लिए इतना तड़पते हो तुम।
क्यों बैठे  हो इस तरह तुम गुमसुम।
यादों के घेरे, घेरे रहते हैं तुमको हर दम।
क्यों सदा रहते हो अब खामोश से तुम।
तराने सुनो, फ़साने सुनो, भूल जाओ अपना अतीत।
दूर रहने को यूँ हमसे बहाने बनाओ ना तुम।
हकीकत यही है जो आज है तुम्हारे पास।
याद रखो क्या आज हो भूल जाओ क्या थे तुम।
362 2Jul 1992
Kyun kisi ke liye itna Tadapte Ho Tum.
Kyun Behti rahte ho Is Tarah Tum Gumsum.
Yaadon Ke Ghere, Ghere Rehte Hain Tumko har dam.
Kyon Sada rehte ho ab Khamosh Se Tum.
Terane Sano, Phsaane  suno, Bhool Jao Apna Atit.
Dur Rehne Ke Yun Hum Se Bahane Banao Na Tum.
Haqeeqat Yeh hai jo Aaj hai tumhare paas.
Yaad Rakho Kya Aaj Ho, Bhul Jao kya the tum.

Wednesday, 8 November 2017

361 इकरार ए मोहब्बत (IKarar e' Mohabbat )

नफरत तो बदल ही जाएगी एक दिन मोहब्बत में।
तनहाई दूर हो ही जाएगी जब आओगे हमारी सोहबत में।
कभी तो होगी दूर ये दीवार नफ़रत की।
तब होगी हर तरफ बहार फिर मोहब्बत की
आँसुओं को तब मैं भी अपने अलविदा कह दूंगा।
जब मिलेगी हमें हर सौगात मोहब्बत की।
जवां दिलों की धड़कनें न रुक जाएं कहीं।
ना आ जाये बीच में दीवार इस दौलत की।
अगर होगी सच्चाई जरा भी इस प्यार में।
टूट जाएगी हर दीवार फिर इकरार ए मोहब्बत से।
361 31 May 1992
Nafrat Toh Badal Hi Jayegi Ek Din Mohabbat Mein.
Tanhaai dur Ho Hi  Jayegi Jab Aaoge Hamari Sohbat Main.
Kabhi Tu Hogi Dur Ye diware Nafrat Ki.
Tab Hogi Har Taraf Bahar Phir Mohabbat Ki.
Aasuon Ko Tab , Mein Bhi apni Alvida Keh dunga.
Jab Milengi Humain Har sogat Mohabbat Ki.
Jawan Dil Ki Dhadkan Ruk Na Jaye Kahin.
Na Aa Jae Beech Mein Deewar Daulat Ki.
Agar Hogi Sacchaai Zara Bhi Iss Pyaar Mein.
Toot Jayegi Har Deewar Phir IKarar e Mohabbat Se.

Tuesday, 7 November 2017

360 यादें (Yadein)

यादें बन गई हैं बोझ मेरी जिंदगी का।
बता जाऊं कहाँ मैं, जहां ये बोझ ना हो।
आजाद हो जाऊं मैं अपने बंधनों से।
बता जाऊं कहां मैं जहां ये सोच ना हो।
भूल जाऊं मैं क्या था ,क्या बना दिया तूने मुझे।
मिला क्यों मैं तुमसे मुझे ये अफ़सोस ना हो।
तनहाई दूर हो जाए मेरी जिंदगी की हर एक।
यह जिंदगी मेरी इतनी खामोश ना हो।
 हर दिन नया दिन हो मेरी जिंदगी का।
कहीं कोई बोझ ,कोई सोच, कोई अफ़सोस ना हो।
360 27 May 1992
Yaadein ban gayi hain Bojh Meri Zindagi Ka.
Bata Jaaun kahan Main Jahan Ye Bojh na Ho.
Azad Ho Jaun Main Apne Bandhno se.
Bata Jaun Kahan main Jahan Ye Soch Na Ho.
Bhool Jaon mein kya tha kya bana diya tune Muje.
Mila Kyun main tumse mujhe Ye Afsos Na Ho.
Tanhaai Dur Ho Jaye Meri Zindagi Ki Har EK.
Yeh Zindagi  Meri Itni Khamosh Na Ho.
Har din nya din ho meri zindagi ka.
kahin Koi Bojh ,ko i Soch, Koi Afsos Na Ho.

Monday, 6 November 2017

359 दो जिस्म एक जान( Do Jism Ek Jaan)Two lives with One soul

जब बात करें दुनिया वाले तुम्हारी।
नाम हमारा भी साथ आता है।
मुस्कुराते हैं यूं मुंह फेर कर सभी।
यूँ दुनिया में फ़साना बनाया जाता है।
हम जो चले राह पर कभी अकेले।
हमें तुम्हारा नाम बार बार सुनाया जाता है।
यूं तो हम सफर ना रहे हम कभी।
पर हमें एक दूसरे का हमसफर बताया जाता है।
पता नहीं अंजाम हमारा क्या है।
मगर अब तो हमें साथ साथ सुर्खियों में लाया जाता है।
मिल पाएं हम आने वाले वक्त में पता नहीं।
मगर अब तो हमें दो जिस्म एक जान बताया जाता है।
359 25 May 1992
Jab baat kare Duniya Wale Tumhari.
Naam Hamara Bhi Sath aata hai.
Muskurate Hain youn Muh Pher kar Sabhi.
Yun Duniya Mein Fasana banaya jata hai.
Hum jo Chale Rah par Kabhi Akele.
Hamain tumhara naam baar baar Sunaya jata hai.
Yun Tou Humsafar Na Rahe Hum Kabhi.
Par Humain Ek Doosre ka Humsafar bataya jata hai.
Pata nahi Anjaam Hamara kya hai.
Magar Ab to Hame Sath Sath Surkhiyon Mai Laya jata hai.
Mil Paye Hum Aane Wale Waqt mein pata nahin.
Magar ab to Hame Do Jism Ek Jaan bataya jata hai.


359 Two lives with One Soul .

When the people of the world talk to you.
Our name also accompanies.
Everyone talked about our relationship .
This is how the world is made.
When I cross anyone  alone on the path.
I found them talking about us again and again.
We haven't been ever accompany each other. 
But we are told to be each other's companions.
Do not know about our future. 
But now we are brought together in the headlines.
I do not know whether we will be one  in  coming time. 
But now we are told two lives with one soul.

Sunday, 5 November 2017

358 बसंत (Bsant)

यूं तो आई है बसंत देखो।
मगर फिर ये तूफान क्यों उठा।
सबको भाता है इसका आना।
फिर मेरा ही मन क्यों जल उठा।
कैसे खिलें हैं फूल देखो।
फिर मेरा ही तन क्यूं झुलस उठा।
सहलाना था इसे तो मुझे।
क्यों फिर दी इसने जलते को हवा।
सोचा था चैन आएगा बसंत आने पर।
मगर, यह कर गई हर ज़ख्म को इक बार फिर हरा।
358 25 May 1992
Youn Tuo aayi Hai Basant Dekho.
Magar fhir Ye Tufaan kyun Utha.
Sabko Bhata hai iska Aana.
Phir Mera He Man Kyun Jal Uohta.
Kaise khillain hain Phool Dekho.
Phir Mera in Tun kyon Jhulas Utha.
Sehlana tha Ise to mujhe.
Kyun fir Di is ne Jalte Ko Hawa.
Socha Tha ki Chain Aayegaa Basant aane par.
Magar Ye Kar Gai  Har Zakham ko Ek Baar Phir Hara.

Saturday, 4 November 2017

357 तड़प मेरी किसने देखी(Tadap Meri Kisne Dekhi)

तूफान उठा है इक बाहर इक मेरे सीने में।
लहराती हवा सबने देखी, तड़प मेरी किसने देखी।
खुशबू उड़ी माटी की सबने महकती सांस भरी।
जलता रहा जो मेरा दिल ,अगन किसने देखी।
उड़ता जा रहा है बादल देखो, बूंदें बरसने लगी।
कतरे जो छलके मेरी आंखों से ,किसने  देखे।
निखार आया किस कदर धरती पर।
सबके मन हरे हो गए।
कट गया, जल गया ,मेरा सीना ,जख्म किसने देखे।
357 18 May 1992
Tufaan Utha Hai Ik Bahar Ik Mere Seene Mein.
Lehraati hwa Sab Ne Dekhi ,Tadap Meri Kisne Dekhi.
Khushboo Oodi Mati ki Sabnein Mehakti saans Bhari.
Jalta Raha Jo Mera Dil agan Kisne Dekhi.
Udta ja raha hai Badal Dekho, Bunde barasne Lagi.
katre Jo chalke Meri Aankhon Se Kisne Dekhe.
Nikhar Aaya Kis Kadar Dharti par.
Sab ke man Hare ho gaye.
Katt Gya ,Jal Gaya, Mera Seena Zakhm Kisne Dekhe.

Friday, 3 November 2017

356 जीतेंगे हम (Jeetenge Hum) We will win

आती ही रहेंगी मुश्किलें यूँ तो राहों में।
बात क्या बनी जो मुकाबला ही न किया।
 ठोकरें लगेंगी ही, जो राहों पर बढ़ोगे तुम।
बात क्या बनी जो गिर के संभला ही ना गया।
आगाज़ जो भी हो अंजाम सही होना चाहिए।
बात क्या बनी जो अंजाम जीत ही न हो।
जीतेंगे हम भी चाहे लगा दे ठोकर यह जमाने वाले।
बात तब भी बनेगी और अंजाम जीत ही होगा।
356 1 May 1992
Aati Hi rahengi Mushkilain yun  to Rahon Mein.
Baat kya Bani Jo Muqabla hi na Kiya.
Thokrain Lagegi hi jo Rahon  par Bdoge Tum.
Baat kya Bani Jo Gir Ke Sambhla Hi Na Gaya.
Agaaz jo bhi ho Anjaam Sahi hona chahiye.
Baat kya Bani Jo Anjaam Jeet Hi Na Ho.
Jeetenge Hum hi Chahe Laga De Thokar Ye Zamane wale.
Baat tub Bhi Banegi aur Anjaam Jeet Hi  hoga.

(English  Meaning)

Difficulties will continue to come in the way.
What may be the matter ,we will compete.
 You will stumble, you will grow on the path.
What may be the matter , we will stand and compete.
Whatever the beginning, the outcome must be correct.
What may be the matter, the result will come in victory.
What if we fall, we will win, .
The matter will still be made and the result will be a victory.

Thursday, 2 November 2017

355 हाल-ए-दिल छुपाऊं कैसे (Haal E Dil Chupaon keise)

हाल ए दिल तुम को मैं बताऊं कैसे।
क्या क्या दर्द उठते हैं मेरे सीने में,
यह शीशा चीर के मैं दिखाऊं कैसे।
तुम मेरे पास हो के भी नहीं हो,
मैं यूँ तुमसे अपना दिल लगाऊं कैसे।
जान निकली मेरी जाती है तेरी याद में,
अपने दिल को बता मैं समझाऊं कैसे।
बाहर आते हैं आंसू बन जज्बात मेरे पीघल के ,
बता दुनिया वालों से मैं अपना हाल-ए-दिल छुपाऊं कैसे।
355 30 April 1992
Haal e dil Tumko Mein batun kaise.
Kya Kya Dard uthte Hain Mere Seene Mein,
Yeh Sheesha Cheer k  Mein Dikhaun Kaise.
Tum mere paas Ho ke bhi nahi ho,
Main tumse Apna Dil Lagaon  Kaise.
Jaan Nikli Meri Jaati Hai Teri Yaad Mein,
Apne dil ko bata main Samjhaon Kaise.
Bahar Aate Hain Aansoo Ban Jazbaat Meri Pighal ke.
Bta Duniya Walon Se Mai Apna Haal E Dil Chupaon keise.

Wednesday, 1 November 2017

354 अंदाज़ हैं कुछ बदले बदले (Andaaz hai kuch Badle Badle)

 क्यों इतनी खामोश हो तुम,
अंदाज़ हैं कुछ बदले बदले।
इस कदर क्यों खामोश रहे तुम,
जब तुम पास से निकले।
तुम्हें यूं देख कर अशांत,
हमारे भी अरमान  पिघले।
आशा ने दम तोड़ दिया क्या,
जो यूं तड़प रहा है सीना।
तुम भी भूल गए क्या,
हंस हंस के जीना।
छोड़ो यूं गम के आंसू पीना,
कह दो यूं खामोश  होगे
अब तुम कभी न।
354 1April 1992
Kyun Itne Khamosh Ho Tum.
Andaaz hai kuch Badle Badle.
Is Kadar Kyun Khamosh Rahe Tum.
Jab Tum Paas se Nikle.
Tumhe Dekh Kar Asshaant.
Hamare bhi Armaan Pighle.
Asha Ne Dum Tod Diya Kya.
Jo Yun Tadap Raha Hai Seena.
Tum bhi Bhool gaye kya.
Hans Hans k Jeena.
ChodoYun  Gam Ke Aansoo Peena.
Keh  do yun Khamosh Hoge
Ab tum kabhi na.