सोचते थे हम,हम उनमें वो हममें थे समाए हुए।
क्या जानते थे कि हम ही हैं उलफत में चोट खाए हुए।
क्या क्या उम्मीद लगा बैठे थे हम यूं ही उनसे।
नहीं जानते थे, वो अपने को हैं खुद में ही रामाए हुए।
सर उठा कर जो देखा तो वो नहीं थे सामने।
हम यूं ही रहे बैठे सजदे में सर झुकाए हुए।
महफ़िल में तेरी, तेरी चाहत ही खींच लाई थी हमें।
चले आए हम महफिल से तेरी दिल पे चोट खाए हुए।
363 8 July 1992
Sochte The Hum ,Hum Unmain Wo Hum me the Smaaye Hue.
Kya jante the ki Hum Hain Ulfat Mein Chot Khaye huye.
Kya kya Umeed Laga baithe The hum Yuhi Unse.
Nahi Jante The,wo Apne Ko Hain Khud mayHie Ramaaye.
Sar Utha Kar Jo Dekha Toh Woh nahi thi Samne.
Hum yun Hi Baithe rahe Sajde Main Sar BhuJaate Hue.
Mehfil Mein Teri, Teri Chahat Hi kheench Layi Thi Humain.
Chale Aaye Hum Mehfil Se Teri Dil Pe chot Khaye huye.
क्या जानते थे कि हम ही हैं उलफत में चोट खाए हुए।
क्या क्या उम्मीद लगा बैठे थे हम यूं ही उनसे।
नहीं जानते थे, वो अपने को हैं खुद में ही रामाए हुए।
सर उठा कर जो देखा तो वो नहीं थे सामने।
हम यूं ही रहे बैठे सजदे में सर झुकाए हुए।
महफ़िल में तेरी, तेरी चाहत ही खींच लाई थी हमें।
चले आए हम महफिल से तेरी दिल पे चोट खाए हुए।
363 8 July 1992
Sochte The Hum ,Hum Unmain Wo Hum me the Smaaye Hue.
Kya jante the ki Hum Hain Ulfat Mein Chot Khaye huye.
Kya kya Umeed Laga baithe The hum Yuhi Unse.
Nahi Jante The,wo Apne Ko Hain Khud mayHie Ramaaye.
Sar Utha Kar Jo Dekha Toh Woh nahi thi Samne.
Hum yun Hi Baithe rahe Sajde Main Sar BhuJaate Hue.
Mehfil Mein Teri, Teri Chahat Hi kheench Layi Thi Humain.
Chale Aaye Hum Mehfil Se Teri Dil Pe chot Khaye huye.
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