तुम जो सोचते हो , वैसे हम नहीं।
तुमने बना ली है एक सोच अब,
इसको बदल पाएंगे अब हम नहीं ।
पहली छाप आखिरी धारणा है,
कहते हैं यह सब लोग,
बदल पाएंगे इसे अब हम नहीं।
तुम्हारा ही दिल बदले तो,
नतीजा फिर कुछ और निकले।
तुम्हारे बिना यह सब मुमकिन नहीं।
सोच तू ज़रा धीरज धर के,
सब बदलता है वक्त के साथ,
वक्त हमेशा रहता एक जैसा नहीं।
7.51pm 3 Jan 2020
तुमने बना ली है एक सोच अब,
इसको बदल पाएंगे अब हम नहीं ।
पहली छाप आखिरी धारणा है,
कहते हैं यह सब लोग,
बदल पाएंगे इसे अब हम नहीं।
तुम्हारा ही दिल बदले तो,
नतीजा फिर कुछ और निकले।
तुम्हारे बिना यह सब मुमकिन नहीं।
सोच तू ज़रा धीरज धर के,
सब बदलता है वक्त के साथ,
वक्त हमेशा रहता एक जैसा नहीं।
7.51pm 3 Jan 2020
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