ढूंढते हैं सहारा, आज अपने रोने को।
जिसे चाहा, वही बैठा नश्तर चुभोने को।।
खोया जो भी आज तक पाया था प्यार में।
है कुछ भी पास नहीं, आज मेरे खोने को।।
दिल टूटा ,सनम भी हाय मेरा रुठ गया ।
बचा कहाँ जीस्त में अब,कुछ और होने को।।
कहाँ मिलेगा सहारा अब, खुद को रोने को।
आँसू ही रह गये अब,दाग दिल के धोने को।।
2.42pm 22Jan 2020 Wednesday
जिसे चाहा, वही बैठा नश्तर चुभोने को।।
खोया जो भी आज तक पाया था प्यार में।
है कुछ भी पास नहीं, आज मेरे खोने को।।
दिल टूटा ,सनम भी हाय मेरा रुठ गया ।
बचा कहाँ जीस्त में अब,कुछ और होने को।।
कहाँ मिलेगा सहारा अब, खुद को रोने को।
आँसू ही रह गये अब,दाग दिल के धोने को।।
2.42pm 22Jan 2020 Wednesday
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