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Sunday, 5 January 2020

1151 कब होगी तहलील ( मुलाकात)

जब से हुई मेरी नफरत तेरी मोहब्बत में तब्दील।
तब से बस यही इंतजार है कब होगी तहलील ।।

जीस्त  आज तक कटी मेरी ,नफरतों के बीच।
 क्या है मोहब्बत , यह तभी जाना ,जब तुम आए करीब।

दे साथ मेरी मोहब्बत का ,और बदल मेरा नसीब।
मर मिटा हूं मैं तेरी मोहब्बत में, तू बन मेरा हबीब ।।

कट तो रही है जिंदगी पल पल करके किसी तरह।
 ना कर देना  देर इतनी ,कि उड़ जाए जान का  अंदलीब।।
9.07pm 05 Jan 2020 Sunday
तहलील (मिलना)
जीस्त (  जिंदगी)
हबीब (दोस्त)
अंदलीब (चिड़िया, बुलबुल)

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